- एसएसकेएम हॉस्पिटल को लंग्स ट्रांसप्लांट की भी जल्द मिलेगी हरी झंडी
- कलकत्ता मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल और आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल को मिलेगी लीवर व किडनी ट्रांसप्लांट की अनुमति
- एनआरएस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में हो सकेगा किडनी का प्रत्यारोपण
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महानगर के अस्पतालों में नि:शुल्क होगा अंग प्रत्यारोपण
एसएसकेएम हॉस्पिटल को लंग्स ट्रांसप्लांट की भी जल्द मिलेगी हरी झंडी कलकत्ता मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल और आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल को मिलेगी लीवर व किडनी ट्रांसप्लांट की अनुमति एनआरएस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में हो सकेगा किडनी का प्रत्यारोपण कोलकाता : मृत्यु के बाद भी दूसरों को नयी जिंदगी देने के लिए […]
कोलकाता : मृत्यु के बाद भी दूसरों को नयी जिंदगी देने के लिए कोलकाता समेत राज्य भर के लोगों में अंगदान के प्रति जागरूकता बढ़ रही है. वर्ष 2018 में राज्य में कई सफल अंग-प्रत्यारोपण किये गये.
इसे देखते हुए राज्य सरकार ने इसे अधिक से अधिक बढ़ावा देने के लिए राज्य के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में आधारभूत सुविधाओं को विकसित करना शुरू किया है, ताकि लोग सफलतापूर्वक अंगदान कर सकें और उन अंगों को सुरक्षित तरीके से निःशुल्क दूसरों में भी प्रतिस्थापित किया जा सके.
राज्य सरकार की कोशिश है कि मृत्यु के बाद भी दूसरों को नयी जिंदगी देने में जुटे लोगों की मनसा पूरी हो और लोग अधिक से अधिक अंग प्रत्यारोपण की वजह से स्वस्थ होकर घर लौटें.
गौरतलब है कि प्रत्यारोपण के लिए पीजी के इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियो थोरेसिक एंड वैसकुलर साइंसेस (सीटीवीएस) विभाग के आधारभूत ढांचे में सुधार किया गया है. प्रत्यारोपण के बाद मरीज को रखने के लिए यहां अलग से एक पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड भी बनाया गया है.
सोमवार को राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से दी गयी जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार अधिक मेडिकल कॉलेजों में अंग प्रत्यारोपण सुनिश्चित कर रही है.
बंगाल में अंगदान और प्रत्यारोपण काफी नियमित हो गया है और सरकारी और निजी दोनों अस्पताल इसका संचालन सफलतापूर्वक कर रहे हैं. अब राज्य सरकार ने ऐसी इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की शुरुआत की है, जो 2019 के अंत तक लोगों को और अधिक अंगदान और प्रत्यारोपण में सक्षम बनायेगी.
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, 2019 में, कोलकाता के तीन सरकारी अस्पतालों में लीवर ट्रांसप्लांट कराने की सुविधा मिलेगी, चार में किडनी ट्रांसप्लांट कर सकेंगे और दो में हार्ट ट्रांसप्लांट की सुविधा होगी.
सरकारी अस्पतालों में होने के कारण, ये सभी अंग प्रत्यारोपण मुफ्त होंगे. अब तक केवल दो सरकारी अस्पतालों में अंग प्रत्यारोपण हो रहे थे. एसएसकेएम में किडनी और यकृत और कलकत्ता मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (सीएमसीएच) में हृदय का लाइसेंस मिल गया है.
वहीं, कलकत्ता मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल और आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल को लीवर प्रत्यारोपण के लिए लाइसेंस मिलेगा. इसके साथ ही कलकत्ता मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, एनआरएस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल को किडनी प्रत्यारोपण के लिए लाइसेंस मिलेगा.
इन अस्पतालों में लोग सफलतापूर्वक अंगदान भी कर सकेंगे और तमाम तरह के अंगों का प्रत्यारोपण भी मुफ्त होगा. सरकारी अस्पतालों के अलावा कोलकाता के किसी भी निजी अस्पताल में अंगदान और प्रत्यारोपण करा सकेंगे, लेकिन वहां शुल्क लगेगा, जबकि सरकारी अस्पतालों में किसी भी तरह का कोई भुगतान नहीं करना होगा.
यहां तक कि रोगियों के स्वस्थ होने तक उनकी चिकित्सा, भोजन और ठहरने की व्यवस्था राज्य सरकार करेगी. उल्लेखनीय है कि पिछले एक साल के दौरान कोलकाता समेत राज्य भर में बड़ी संख्या में लोगों ने अंगदान किया है जिससे सैकड़ों लोगों को नयी जिंदगी मिली है.
कोलकाता के मेडिकल कॉलेज अस्पताल से लेकर आरजी कर और अन्य अस्पतालों में मुफ्त में अंग प्रत्यारोपण भी किये गये हैं. इसे और अधिक बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने वर्ष 2019 से शुरू हुए नये शिक्षा सत्र के आठवीं के पाठ्यक्रम में अंगदान को शामिल किया है.
इसमें बच्चों को अंगदान करनेवाले लोगों, इसके फायदे, इसके अाध्यात्मिक और मानवीय पहलुओं के बारे में पढ़ाया जा रहा है, ताकि आने वाली पीढ़ी अंगदान के प्रति और अधिक जागरूक रहे.
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