कोलकाता : आगामी लोकसभा चुनाव के पहले माकपा समेत अन्य वामपंथी दल ग्रामीण स्तर पर जनसंपर्क बढ़ाने और अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश में जुटे हैं. यही वजह है कि किसान के हित की बात कह कर सिलसिलेवार आंदोलन की रूपरेखा तैयार की गयी है.
किसान आंदोलन को सफल बनाने के लिए माकपा की ओर से राज्यभर में बूथ स्तर पर संगठिनक बैठक जारी है. माकपा के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार उत्तर और दक्षिण 24 परगना, मुर्शिदाबाद आदि जिलों में बूथ स्तर पर बैठक हो चुकी है.
28 को सिंगूर से राजभवन तक चलेगा अभियान
माकपा समर्थित किसान संगठन की ओर से 28 नवंबर को राजभवन अभियान चलाया जायेगा. इसके तहत हुगली जिले के सिंगूर से रैली निकाली जायेगी. यहां से बड़ी संख्या में किसान पदयात्रा के करते हुए कोलकाता पहुंचेंगे. कूचबिहार और नदिया जिले के पलासी से भी दो रैलियां निकाले जाने की बात है.
शुरुआत सिंगूर से किये जाने का अहम कारण है कि वामपंथी नेताओं का आरोप है कि सिंगूर में टाटा नैनो कार संयत्र को तत्कालीन विपक्ष की नेत्री ममता बनर्जी ने स्थापित नहीं होने दिया था. वहां किसानों की विषम स्थिति को सामने रख वामपंथी किसान संगठन राज्य के ग्रामीण इलाकों के लोगों के बीच पैठ जमाने की कोशिश में हैं.
रखी जायेगी 10 सूत्री मांग
अखिल भारतीय किसान सभा समेत अन्य किसान व श्रमिक संगठनों का सिंगूर से राजभवन चलो अभियान 28-29 नवंबर तक चलेगा. भारतीय किसान सभा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि अभियान के दौरान 10 सूत्री मांगें रखी जायेंगी. इनमें सिंगूर सहित पूरे राज्य में औद्योगीकरण, किसान, खेतिहर मजदूरों के परिजनों व बेरोजगारों को रोजगार देने, कथित विभेद की नीति बंद करने, किसानों को उनकी ऊपज का उचित मूल्य प्रदान करने, किसानों का पूरा ऋण माफ करने, पेट्रोल-डीजल की कीमत कम करना प्रमुख हैं.