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दिल का दौरा पड़ने के बाद सोमनाथ चटर्जी को वेंटिलेटर पर रखा गया

कोलकाता : पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी (89) को रविवार सुबह अचानक दिल का दौरा पड़ा. जिसके बाद उनकी स्थिति और बिगड़ गयी. अस्पताल के एक चिकित्सक के अनुसार गुर्दे संबंधी समस्या से जूझ रहे चटर्जी को बुधवार तड़के गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनकी डायलिसिस की जा रही है. ऐसे […]

कोलकाता : पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी (89) को रविवार सुबह अचानक दिल का दौरा पड़ा. जिसके बाद उनकी स्थिति और बिगड़ गयी. अस्पताल के एक चिकित्सक के अनुसार गुर्दे संबंधी समस्या से जूझ रहे चटर्जी को बुधवार तड़के गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनकी डायलिसिस की जा रही है.
ऐसे मामलों में कई बार हृदय काम करना बंद कर देता है. चिकित्सकों ने बताया कि श्री चटर्जी को सुबह दिल का दौरा पड़ा था लेकिन उसने फिर से काम करना शुरू कर दिया है. इससे उनके हृदय पर विशेष रूप से प्रभाव नहीं पड़ा है. वह आइसीसीयू में हैं और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है. सोमनाथ चटर्जी की चिकित्सा के लिए डॉ सुकुमार मुखर्जी के नेतृत्व में 12 सदस्यीय मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है.
गौरतलब है कि किडनी की बीमारी से पीड़ित सोमनाथ चटर्जी को बीते 10 अगस्त को दोबारा अस्पताल में भर्ती किया गया था. फिलहाल उनकी हालत गंभीर बनी हुई है. बता दें कि उनकी चिकित्सा दक्षिण कोलकाता के मिंटो पार्क स्थिति बेलव्यू क्लीनिक में चल रही है. दोबारा यहां दाखिल कराये जाने से पहले यहां पहले उन्हें 28 जून को तबीयत बिगड़ने पर दाखिल कराया गया था. बाद में उन्हें छुट्टी दे दी गयी. 10 अगस्त को उन्हें दोबारा अस्पताल में भर्ती कराया गया.
ममता बनर्जी से हार गये थे चुनाव:
राजनीतिक करियर में एक के बाद एक जीत हासिल करनेवाले सोमनाथ चटर्जी जीवन का एक चुनाव पश्चिम बंगाल की वर्तमान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सामने हार गये थे. 1984 में जादवपुर सीट पर हुए लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी ने तब सीपीएम के इस कद्दावर नेता को हराया था.
10 बार सांसद रह चुके हैं
श्री चटर्जी मशहूर वकील निर्मल चंद्र चटर्जी के बेटे हैं. निर्मल चंद्र अखिल भारतीय हिंदू महासभा के संस्थापक भी थे. सोमनाथ चटर्जी ने सीपीएम के साथ राजनीतिक करियर की शुरुआत 1968 में की और 2008 तक इस पार्टी से जुड़े रहे.1971 में वह पहली बार सांसद चुने गये और इसके बाद उन्होंने राजनीति में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. चटर्जी 10 बार लोकसभा सदस्य के रूप में चुने गये
जब सीपीएम ने पार्टी से निकाला
वर्ष 2008 में भारत-अमेरिका परमाणु समझौता विधेयक के विरोध में सीपीएम ने तत्कालीन मनमोहन सरकार से समर्थन वापस ले लिया था. तब सोमनाथ चटर्जी लोकसभा अध्यक्ष थे. पार्टी ने उन्हें स्पीकर पद छोड़ देने के लिए कहा लेकिन वह नहीं माने. इसके बाद माकपा ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया.

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