कोलकाता : ना, ना करते हुए आखिरकार पश्चिम बंगाल सरकार भी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महात्वाकांक्षी योजना ‘अायुष्मान भारत’ अर्थात् ‘मोदीकेयर’ को लागू करने के लिए राजी हो गयी है और बहुत जल्द राज्य सरकार मोदीकेयर योजना के लिए केंद्र सरकार से समझौता करने जा रही है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पश्चिम बंगाल सरकार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किये गये ‘राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन – आयुष्मान भारत’ को यहां लागू करेगी और बहुत जल्द राज्य सरकार इस संबंध में केंद्र सरकार के साथ समझौता करेगी. बताया जाता है कि पश्चिम बंगाल देश का 26वां राज्य होगा, जहां यह योजना शुरू की जायेगी. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने इस योजना के तहत देश के 10 करोड़ का पांच-पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कराने की योजना बनाई है.
बंगाल में नये तरीके से लागू होगी योजना
बताया जाता है कि अधिकांश राज्याें में यह योजना ट्रस्ट-आधारित मॉडल पर लागू की जायेगी, जहां केंद्र व राज्य सरकार मिल कर एक फंड तैयार करेगी और उस फंड से दावों का निबटारा किया जायेगा.
लेकिन बंगाल में यह योजना बीमा मॉडल पर लागू की जायेगी. इसका अर्थ है कि राज्य सरकार न्यूनतम प्रीमियम दर पर बीमा कंपनियों से पाॅलिसियां खरीद कर उसे लागू करेगी. गौरतलब है कि पहले पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्र व राज्य सरकार के हिस्सेदारी को लेकर चिंता जाहिर की थी.
बंगाल ने पहले योजना को लागू करने से किया था इनकार
पश्चिम बंगाल सरकार ने पहले इस योजना को यहां लागू करने से इनकार कर दिया था. पश्चिम बंगाल सरकार का दावा है कि राज्य सरकार द्वारा यहां पहले से ही स्वास्थ्य साथी बीमा योजना चलाई जा रही है, जिसके तहत लोगों को सेकेंड्री और तृतीयक देखभाल के लिए बुनियादी स्वास्थ्य कवरेज के तहत सालाना 1.5 लाख रुपये का कवर प्रदान किया जा रहा है, वहीं गंभीर बीमारियों के लिए पांच लाख रुपये तक का कवरेज दिया जा रहा है.
अगले एक सप्ताह में जुड़ेंगे और चार राज्य
इस संबंध में आयुष्मान भारत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी इंदू भूषण ने कहा कि हमें उम्मीद है कि जो राज्य अब तक इस योजना के साथ नहीं जुड़े हैं, वह भी जल्द ही इससे जुड़ेंगे.
अगले एक सप्ताह के अंदर तीन-चार राज्य इस योजना से जुड़ जायेंगे. उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत राज्यों को केंद्र सरकार से फंड मिलना भी आरंभ हो चुका है. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि इस योजना को राज्य में लागू करने के लिए राज्यों को केंद्र सरकार द्वारा बनाये गए गाइडलाइन को मानना होगा.