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केंद्र सरकार ने विधि मंत्रालय से मांगा परामर्श
नयी दिल्ली/कोलकाता : केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने रियल एस्टेट क्षेत्र में कानूनी नियंत्रण के लिये लागू किये गये कानून रेरा (रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट एक्ट) से अलग पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार द्वारा कानून बनाये जाने का मामला परामर्श हेतु विधि मंत्रालय के पास भेज दिया है. रेरा को […]
नयी दिल्ली/कोलकाता : केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने रियल एस्टेट क्षेत्र में कानूनी नियंत्रण के लिये लागू किये गये कानून रेरा (रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट एक्ट) से अलग पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार द्वारा कानून बनाये जाने का मामला परामर्श हेतु विधि मंत्रालय के पास भेज दिया है.
रेरा को लागू करने के लिये सभी राज्य सरकारों के साथ मंत्रालय द्वारा आज की गयी समीक्षा बैठक के बाद आवास एवं शहरी मामलों के सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने बताया ‘‘हमने एक ही मामले में केंद्र और राज्य द्वारा बनाये गये दो कानूनों को लेकर विधि मंत्रालय से सुझाव मांगा है.’ मिश्रा ने बताया कि रेरा लागू करने वाले 29 प्रदेशों के आवास सचिवों के साथ बैठक में पश्चिम बंगाल के प्रतिनिधि ने राज्य में अपना अलग कानून अधिसूचित करने की जानकारी दी.
उल्लेखनीय है कि ममता बनर्जी सरकार ने हाउसिंग इंडस्ट्री रेगुलेटिंग एक्ट (हीरा) के तहत रियल एस्टेट क्षेत्र को उद्योग का दर्जा दिया है. जबकि शेष 28 राज्य और 7 केन्द्र शासित प्रदेशों में से पूर्वोत्तर के छह राज्यों को छोड़ कर अन्य राज्यों ने रेरा को ही केन्द्रीय कानून में दी गयी सीमा के तहत मामूली बदलाव के साथ अपने यहां लागू किया है. रियल एस्टेट क्षेत्र में घर खरीददारों को बिल्डर्स की मनमानी से बचाने के लिये रेरा कानून के तहत राज्यों को नियामक प्राधिकरण गठित करना है.
मिश्रा ने बताया कि पश्चिम बंगाल और केरल को छोड़कर सभी राज्यों ने रेरा को अधिसूचित कर दिया है. केरल में इसे लागू करने की प्रक्रिया जारी है जबकि पश्चिम बंगाल ने अपना अलग कानून अधिसूचित कर दिया है. उन्होंने बताया कि इनमें से 17 राज्यों ने रेरा के तहत अंतरिम नियामक प्राधिकरण गठित कर दिया है.
जबकि आंध्र प्रदेश, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और राजस्थान ने 15 अगस्त से पहले प्राधिकरण गठित करने का आश्वासन दिया है. हरियाणा और मध्य प्रदेश में दो-दो प्राधिकरण गठित किये गये हैं. श्री मिश्रा ने बताया कि 20 राज्यों में अपीलीय ट्रिब्यूनल गठित करने (14 अंतरिम और छह स्थायी ट्रिब्यूनल) की बैठक में जानकारी दी गयी.
इसके अलावा आंध्र प्रदेश, असम, केरल, त्रिपुरा और चंडीगढ़ सहित सात राज्यों में स्थायी ट्रिब्यूनल गठित करने की प्रक्रिया चल रही है. उन्होंने बताया कि रेरा के तहत रियल एस्टेट परियोजनाओं के ऑनलाइन पंजीकरण की अनिवार्य शर्त की पूर्ति के लिये 21 राज्यों ने ऑनलाइन पोर्टल शुरू कर दिये हैं.
शेष राज्य 15 अगस्त तक इस पोर्टल की शुरुआत कर देंगे. अब तक 29033 परियोजनाओं और 22568 रियल एस्टेट एजेंट का पंजीकरण हो गया है. इनमें सर्वाधिक परियोजनायें महाराष्ट्र से हैं. मिश्रा ने बताया कि सभी राज्यों ने रेरा को लेकर घर खरीददारों को जागरूक करने के लिये जागरूकता अभियान भी शुरू कर दिया है. मंत्रालय के स्तर पर संसद के मानसून सत्र के बाद विभिन्न राज्यों में चार क्षेत्रीय कार्यशालाओं का आयोजन किया जायेगा.
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