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राज्य में चिकित्सा व्यवस्था चरमरायी : अधीर चौधरी
कोलकाता : राज्य में चिकित्सा का आधारभूत ढांचा बुरी तरह चरमरा गया है. यह आरोप प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने लगाया है. संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य प्रशासन डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों की रोकथाम में असमर्थ है. अब राज्य सरकार चिकित्सकों पर ही निशाना साध रही है. बड़े सरकारी […]
कोलकाता : राज्य में चिकित्सा का आधारभूत ढांचा बुरी तरह चरमरा गया है. यह आरोप प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने लगाया है. संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य प्रशासन डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों की रोकथाम में असमर्थ है. अब राज्य सरकार चिकित्सकों पर ही निशाना साध रही है. बड़े सरकारी अस्पतालों का रंग भले ही नीला व सफेद कर दिया गया हो, लेकिन वहां चिकित्सा ढांचा ध्वस्त है.
सरकारी अस्पतालों में 12 से 15 हजार रोगियों के लिए एक डॉक्टर की व्यवस्था है. राज्य सरकार यह क्यों नहीं बताती कि सरकारी अस्पतालों में अब तक कितने डॉक्टरों को नियुक्त किया गया है. डॉक्टरों को रोगियों के प्रेस्क्रिप्शन में डेंगू का उल्लेख करने की इजाजत नहीं है. यदि कोई डॉक्टर ऐसा करता है तो उसका या तो तबादला कर दिया जाता है या फिर अन्य तरीके से उसपर दबाव दिया जाता है. राज्य में सबकुछ दिखावे के आधार पर चल रहा है.
राज्य में ड्रग रेसिस्टेंट टीबी का प्रकोप बढ़ गया है. बंगाल से मेधा, कौशल व पूंजी का पलायन हो रहा है.कॉलेजों में भर्ती को लेकर होने वाले हंगामे के संबंध में श्री चौधरी का कहना था कि कॉलेज वसूली के गढ़ बन गयै हैं. मुख्यमंत्री का रवैया यही है कि उनकी पार्टी के लोगों के लिए सात खून माफ हैं. मुख्यमंत्री को खुद कॉलेजों में जाना पड़ रहा है अपनी ही पार्टी के लोगों के भ्रष्टाचार को रोकने के लिए. दरअसल जिस तरह मुख्यमंत्री ने हर बूथ में तृणमूल कांग्रेस की स्थापना की बात कही थी अब सर्वत्र वह भ्रष्टाचार और घोटाले का रूप ले चुका है.
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