कोलकाता: अलीपुर प्रेसिडेंसी जेल के अंदर एक हाई प्रोफाइल कैदी हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी सिंह के कत्ल की घटना के बाद उसे न्याय दिलाने की मांग पर प्रेसिडेंसी जेल में कुछ कैदियों ने अनशन किया था.
सोमवार को जांच के सिलसिले में प्रेसिडेंसी जेल में पहुंचे जांच अधिकारियों से उन्हें बातचीत नहीं करने देने को लेकर कैदियों में नाराजगी है. जेलों में सजा काट रहे कैदी के परिजनों का आरोप है कि हैप्पी सिंह के कत्ल की घटना की विभागीय जांच के सिलसिले में सोमवार को जांच अधिकारी जेल परिसर में पहुंचे थे. घटना के दौरान वहां मौजूद अन्य कैदियों से जांच अधिकारियों को बातचीत करने नहीं दी गयी. सिर्फ जेल सुपर के साथ कुछ अन्य जेल कर्मियों से बात करने के बाद एक कमरे में जांच अधिकारियों ने वहां के सिर्फ तीन कैदी से बात की, इसके बाद वे चले गये. परिजनों का आरोप है कि खुद पर लगे आरोप को छिपाने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जेल के अंदर चल रही इस तरह की राजनीति के कारण कैदियों को इंसाफ नहीं मिल रहा है. अगर इसी तरह जेल सुपर के अलावा जेल के अन्य कर्मी कैदियों के साथ दुर्व्यवहार करते रहे तो उग्र होकर वे जेल के अंदर फिर से आंदोलन का तरीका अपनाएंगे.
हैप्पी सिंह की मौत के पीछे जुड़े आरोपियों व जेल अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर राज्य के एडीजी (कारागार) अधीर शर्मा ने बताया कि हैप्पी सिंह के कत्ल के मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में दोषी जेल कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है. जेल के सुपर नवीन साहा के खिलाफ जेल के अंदर अत्याचार व कैदियों से दुर्व्यवहार के संबंध में किसी भी तरफ से कोई लिखित शिकायत उनके पास नहीं की गयी है. इस तरह की शिकायत आने पर उसकी भी जांच होगी.
हाल ही में कैदियों ने हैप्पी सिंह के कत्ल की सही से जांच की मांग पर जेल में अनशन भी किया था. उस दौरान कैदियों द्वारा अपनी मांगों की एक प्रतिलिपि उनके पास दी गयी थी, लेकिन उसमें भी जेल सुपर के संबंध में कोई शिकायत की बात नहीं लिखी थी. लिखित आरोप मिलने पर कार्रवाई अवश्य की जायेगी.