Advertisement
दिलचंद की हालत स्थिर, कहा : अच्छा महसूस कर रहा हूं
कोलकाता : झारखंड के देवघर के सोनारायठाढ़ी के दिलचंद सिंह का हृदय प्रत्यारोपण के बाद हालत स्थिर बनी हुई है. फोर्टिस अस्पताल में डॉक्टरों की सघन निगरानी में हैं. फोर्टिस हॉस्पिटल्स आनंदपुर के मेडिकल सुप्रीटेंडेंट डॉ अराफत फैसल द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि हृदय प्रत्यारोपण के बाद दिलचंद की हालत स्थिर बनी […]
कोलकाता : झारखंड के देवघर के सोनारायठाढ़ी के दिलचंद सिंह का हृदय प्रत्यारोपण के बाद हालत स्थिर बनी हुई है. फोर्टिस अस्पताल में डॉक्टरों की सघन निगरानी में हैं. फोर्टिस हॉस्पिटल्स आनंदपुर के मेडिकल सुप्रीटेंडेंट डॉ अराफत फैसल द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि हृदय प्रत्यारोपण के बाद दिलचंद की हालत स्थिर बनी हुई है और लगातार स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है.
वह होश में हैं तथा वेंटिलेशन को हटा लिया गया है. सभी मेडिकल पहलु संतोषजनक हैं. उनके संबंधियों ने उनसे मुलाकात की और उन्हें दिलचंद के स्वास्थ्य के बारे में पूरी जानकारी दी गयी है.
उल्लेखनीय है कि कोलकाता के निजी अस्पताल फोर्टिस में सोमवार को दिलचंद सिंह का हृदय प्रत्यारोपित किया गया था. पूर्वी व उत्तर पूर्वी भारत में ऐसा पहली बार हुआ था, जब चार्टर्ड प्लेन व ग्रीन कॉरिडोर बना कर दूसरे राज्य से जिंदा हृदय को लाकर किसी अन्य राज्य अस्पताल में प्रत्यापित किया गया था.
इस प्रक्रिया में पांच राज्यों कर्नाटक, झारखंड, तमिलनाडु, दिल्ली व पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग तथा चेन्नई, बेंगलुरु व कोलकाता के डॉक्टर शामिल थे. डॉ तापस रॉयचौधरी, डॉ एआर मंदानार व डॉ केआर बालाकृष्ण ने पूरी व्यवस्था से लेकर ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी. डॉ केआर बालाकृष्ण की टीम अभी तक लगभग 200 रोगियों का हृदय प्रत्यारोपित कर चुकी है और तथा चेन्नई के फोर्टिस अस्पताल में प्रत्येक दो दिन के अंतरहाल में एक मरीज का हृदय प्रत्यारोपण करती है.
दूसरी ओर, मंगलवार को दिलचंद के भाई उमेश सिंह व उनका साला भीम कुमार सिंह ने आइसीयू में उनसे मुलाकात की. उमेश सिंह ने कहा कि भैया की हालत स्थिर है और वह अब पूरे होश में हैं. उन्होंने उनलोगों से बातचीत की और कहा कि वह ठीक हैं और अच्छा अनुभव कर रहे हैं. उनकी आवाज भी आज स्पष्ट और साफ थी. नर्सों व डॉक्टरों ने भी उन लोगों को भैया की पूरी स्थिति की बारे में जानकारी दी और कहा कि उनकी हालत में धीरे-धीरे सुधार हो रही है. शाम को मुलाकात के समय नर्सों ने प्रोटीन जूस लगाने के लिए कहा है. उन्हें हल्का लिक्यूड डॉयट दिया गया है.
जिसने मेरा िसंदूर बचाया, भगवान उस परिवार को हर खुशी दे : पत्नी
सोनारायठाढ़ी/कोलकाता
सोनारायठाढ़ी प्रखंड अंतर्गत ब्रह्मोतरा पंचायत के झांझी गांव निवासी हृदय रोग की गंभीर बीमारी से पीड़ित दिलचंद सिंह को नयी जिंदगी मिल गयी है. इस पर खुशी जताते हुए उसकी पत्नी हेमा देवी ने बताया कि जिसने भी मेरे पति को हृदय दान दे कर मेरे मांग का सिंदूर बचाया, उसके परिवार के लिए वह और उसका परिवार भगवान से भगवान से दुआ करेंगे.
पांच साल से बीमार था दिलचंद
पत्नी ने बताया कि वह करीब पांच साल से बीमार थे. पहले तो पटना में इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में इलाज कराया. उसके बाद बाद रानीगंज, बंगाल के एक अस्पताल में इलाज कराया. उसके बाद कोलकाता के फोर्टिस अस्पताल में इलाज चल रहा था. इलाज के दौरान तकरीबन पांच लाख रुपये खर्च हो गये है. दिलचंद को चार बेटी व दो बेटे हैं. दो बेटी की शादी किसी तरह कर ली, लेकिन इधर इलाज का खर्चा और परिवार चलाने, बच्चों की पढ़ाई कराने में काफी परेशानी हो रही थी. इसी बीच, मुख्यमंत्री ने ढाई लाख रुपये इलाज के लिये दिये थे. दिलचन गांव के स्कूल में पारा शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं.
फोर्टिस प्रबंधन ने दिलाया था भरोसा
इस संबंध में भाई उमेश सिंह ने बताया कि झारखंड सरकार की आेर से मिले 2.52 लाख रुपये से दिलचंद का इलाज मधुपुर के मुकेश दास के मार्फत फोर्टिस में कराये. इसके बाद वे लोग सोनारायठाढ़ी लौट आये थे. अस्पताल प्रबंधन ने भरोसा दिलाया था कि जैसे ही हार्ट की व्यवस्था हाेती है, हमलोग सूचित करेंगे. रविवार को अचानक फोर्टिस से फोन आया और बाद में अस्पताल प्रबंधन ने ही गाड़ी भेज कर दिलचंद को बुलाया.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement