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44.67 फीसद वोट हासिल कर तृणमूल गदगद
मालदा : इस बार के पंचायत चुनाव में तमाम आरोपों-प्रत्यारोपों के बीच तृणमूल के शानदार प्रदर्शन से जिला नेतृत्व में जश्न का माहौल है. दलीय सूत्र के अनुसार तृणमूल ने इस बार उम्मीद से काफी बेहतर प्रदर्शन किया है. इसीलिये तृणमूल नेतृत्व ने अभी से ही लोकसभा चुनाव की रणनीति बनाना शुरु कर दिया है. […]
मालदा : इस बार के पंचायत चुनाव में तमाम आरोपों-प्रत्यारोपों के बीच तृणमूल के शानदार प्रदर्शन से जिला नेतृत्व में जश्न का माहौल है. दलीय सूत्र के अनुसार तृणमूल ने इस बार उम्मीद से काफी बेहतर प्रदर्शन किया है. इसीलिये तृणमूल नेतृत्व ने अभी से ही लोकसभा चुनाव की रणनीति बनाना शुरु कर दिया है.
वहीं, जिले में सीटों के मामले में भाजपा भले दूसरे नंबर पर है लेकिन वोट प्रतिशत के मामले में वह तीसरे स्थान पर है. उसे कुल मतों का 20.03 फीसद वोट मिले हैं. वहीं, कांग्रेस को 23.79 फीसद वोट मिले हैं. सबसे बुरी स्थिति वामफ्रंट की है जिसे कुल मतों का 7.33 फीसदी वोट मिले हैं.
जिला पंचायत व प्रशासन सूत्र के अनुसार इस बार पंचायत चुनाव में 20 लाख 7 हजार 873 वोट पड़े थे. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2013 में मतों के प्रतिशत के हिसाब से कांग्रेस को सर्वाधिक 36.44 फीसदी वोट मिले थे जबकि वामफ्रंट को 31.16 फीसदी मिले थे. वहीं, तृणमूल को 27.19 फीसदी जबकि भाजपा को 5.21 फीसदी वोट मिले थे. तृणमूल कांग्रेस से विधायक नीहार घोष ने बताया कि आम मतदाताओं ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विकास कार्यों को देखते हुए वोट दिये हैं.
वहीं, कांग्रेस की जिलाध्यक्ष मौसम नूर ने कहा कि सही तरीके से चुनाव होता तो इस तरह के परिणाम नहीं आते. वहीं, भाजपा के जिलाध्यक्ष सुव्रत कुंडू ने बताया कि जिला परिषद की छह सीटें और दो पंचायत समितियों के अलावा 21 ग्राम पंचायतों पर जीत मिलने के बावजूद भाजपा को अगर वोट प्रतिशत के हिसाब से तीसरे नंबर पर दिखाया जाता है तो उन्हें कुछ नहीं कहना है. उधर, माकपा के जिला सचिव अंबर मित्रा ने बताया कि इस बार सभी मतदाता वोट नहीं डाल सके. इसका असर पार्टी के प्रदर्शन पर हुआ है.
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