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कॉलेजों व विवि में शुरू होंगी वर्चुअल क्लासेस

25वीं वेस्ट बंगाल स्टेट साइंस एंड टेक्नोलॉजी कांग्रेस के तहत आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन में विभागीय अधिकारी ने की घोषणा कोलकाता. 25वीं वेस्ट बंगाल स्टेट साइंस एंड टेक्नोलॉजी कांग्रेस का आयोजन रविवार को साइंस सिटी में आयोजित किया गया. राज्य के उच्च शिक्षा, साइंस एंड टेक्नोलॉजी एंड बायोटेक्नोलॉजी विभाग द्वारा आयोजित इस दो दिवसीय कार्यक्रम […]

25वीं वेस्ट बंगाल स्टेट साइंस एंड टेक्नोलॉजी कांग्रेस के तहत आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन में विभागीय अधिकारी ने की घोषणा

कोलकाता. 25वीं वेस्ट बंगाल स्टेट साइंस एंड टेक्नोलॉजी कांग्रेस का आयोजन रविवार को साइंस सिटी में आयोजित किया गया. राज्य के उच्च शिक्षा, साइंस एंड टेक्नोलॉजी एंड बायोटेक्नोलॉजी विभाग द्वारा आयोजित इस दो दिवसीय कार्यक्रम में कई विशेषज्ञों ने विज्ञान के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किये.

साइस व टेक्नोलॉजी संस्थानों से जुड़े कई शिक्षाविदों ने अनुसंधान रिपोर्ट पेश की. इस माैके पर पश्चिम बंगाल सरकार के उच्च शिक्षा, साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग के इनचार्ज व अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ आर एस शुक्ला ने कहा कि साइंव व टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कई महत्वूपर्ण काम हो रहे हैं, ताकि राज्य की युवा शक्ति को दक्ष किया जा सके. साइंस के बल पर ही शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति होगी. पश्चिम बंगाल सरकार विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में वर्चुअल क्लासेस शुरु करने की योजना बनायी है. उच्च शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल व्यवस्था बढ़ाने के लिए इस तरह की क्लासेस शुरू की जायेंगी. उनका कहना है कि सरकार की योजना है कि उच्च शिक्षा संस्थानों को डिजिटल प्लेटफार्म पर रखा जाये. इस नयी व्यवस्था से अलग-अलग कॉलेज व विश्वविद्यालय के छात्रों को एक-दूसरे से जुड़ने का मौका मिलेगा.

विश्वविद्यालय के किसी कार्यक्रम में विद्वानों द्वारा क्या वक्तव्य जारी किया गया, इसका लाभ दूसरे संस्थानों के छात्र भी उठा सकेंगे. राज्य स्तर पर इसकी बैठक प्रत्येक साल आयोजित की जाती है. विज्ञान के क्षेत्र में युवा प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने व इस क्षेत्र की संभावनाओं से उनको जागरुक करने के लक्ष्य से यह कांग्रेस आयोजित की जाती है. छात्रों द्वारा विभाग में इस साल 1250 रिर्सच पेपर्स जमा किये गये. इसमें इस सम्मेलन (कांग्रेस) के लिए प्रसिद्ध विज्ञानियों के सामने प्रेजेंटेशन के लिए 154 पेपर्स का चयन किया गया. इनमें से तीन बेहतरीन पेपर्स को सोमवार को पुरस्कार दिया जायेगा. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के ताैर पर उपस्थित, भारत में जन्मे अमरीकन भौतिक विज्ञानी डॉ मनी लाल भौमिक ने कहा कि राज्य सरकार का विभाग विज्ञान के क्षेत्र में काफी बेहतर काम कर रहा है. विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी के जरिये न केवल साक्षरता व रोजगार को बढ़ाया जा सकता है बल्कि सामाजिक कुरीतियों को भी दूर करने में सहायता मिलती है.

साइंस से युवा प्रतिभाओं को जोड़ कर समाज व देश का विकास किया जा सकता है. स्कूल के बाद छात्र विज्ञान के क्षेत्र में रुचि के साथ नये अनुसंधान व आविष्कार कर सकें, इसके लिए यह प्रयास काफी मददगार है. डॉ बाैमिक का कहना है कि कलकत्ता में वे भाैमिक इन्टरनेशनल सेंटर फॉर एडवांस्ड रिसर्च की स्थापना करना चाहते हैं, ताकि भाैतिक विज्ञान में छात्र पीजी स्तर पर अध्ययन व अनुसंधान कर सकें. कॉगनीटिव साइंसेस, एनीमल स्टडीज, साइकोलॉजी, फिजिक्स व न्यूरोसाइंसेस में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए नेशनल इन्सटीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज, बैंगलोर से भी वे जुड़े हैं. इस केन्द्र की आर्थिक सहायता कर वे छात्रों को आगे बढ़ाना चाहते हैं. भाैतिक विज्ञान के क्षेत्र में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, उनको प्रोत्साहन के साथ नयी संभावनाओं से जोड़ने की जरूरत है. कार्यक्रम में उच्च शिक्षा, साइंस एंड टेक्नोलॉजी एंड बायोटेक्नोलॉजी विभाग के कई सदस्य व विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधि व छात्र उपस्थित रहे. सम्मेलन में पर्यावरण विज्ञान, मेडिकल साइंस, अर्थ साइंस, बॉटनी, जूलॉजी, फिजियोलॉजी, कृषि-मत्स्य व पशु विज्ञान पर जारी अध्ययन रिपोर्ट पर चर्चा की गयी.

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