11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कहीं रंग में भंग न पड़ जाये इस होली में!

उत्तर दिनाजुपर के बाजार घटिया रंग-अबीर से पटे इन रंगों से चर्म रोग की आशंका आंखों को भी पहुंच सकता है नुकसान रायगंज : ऋतुराज बसंत का लोकप्रिय त्योहार होली का आगमन जल्द ही होने वाला है. इसको लेकर बच्चे और जवान की कौन बात कहे, बुजुर्ग तक उत्साह से भर उठते हैं. लेकिन बाजार […]

उत्तर दिनाजुपर के बाजार घटिया रंग-अबीर से पटे

इन रंगों से चर्म रोग की आशंका
आंखों को भी पहुंच सकता है नुकसान
रायगंज : ऋतुराज बसंत का लोकप्रिय त्योहार होली का आगमन जल्द ही होने वाला है. इसको लेकर बच्चे और जवान की कौन बात कहे, बुजुर्ग तक उत्साह से भर उठते हैं. लेकिन बाजार में बिकनेवाले सस्ते अबीर और रंगों से सेहत को नुकसान पहुंच सकता है. तरह-तरह के चर्म रोग, एलर्जी के अलावा विषाक्तता की घटना घट सकती है. ऐसे अबीर और रंगों से चमड़े के जल जाने या सिकुड़ जाने की आशंका रहती है. यहां तक कि इनसे आंखों को भी नुकसान पहुंच सकता है. होली के दौरान प्राकृतिक अबीर उपलब्ध नहीं हो तो सस्ते अबीर और रंग का उपयोग हरगिज नहींकरना चाहिए.
अबीर तैयार करने वाले एक कारीगर के अनुसार, छोटी मशीनों से डोलोमाइट के पावडर, रंग, तेल और पानी मिलाकर लाल-पीले, हरे और गुलाबी जैसे रंगों वाले अबीर तैयार किये जाते हैं. व्यवसायियों के अनुसार, प्रतिदिन औसतन 50 पैकेट अबीर तैयार किये जाते हैं. प्रत्येक पैकेट में 25 किलो अबीर आता है. हालांकि इस बार कच्ची सामग्री पर जीएसटी लग जाने से इनकी लागत बढ़ गई है. बेहतर किस्म के अबीर तैयार करने में खर्च अधिक होता है. इसके अलावा उनके लिए महंगे उपकरणों की जरूरत पड़ती है. यही वजह है कि कई बार कुछ व्यवसायी भूटान और बिहार से महीन मिट्टी लाकर उससे अबीर तैयार करते हैं. नाम नहीं छापने की शर्त पर एक व्यवसायी ने बताया कि सस्ते किस्म के अबीर की मांग बाजार में ज्यादा है. जबकि कैल्शियम या टलकम पावडर से अबीर तैयार करने की लागत अधिक होती है. कई बार कई व्यवसायी अधिक मुनाफा के लिए चौक के पावडर, टलकम पावडर के साथ सस्ते रसायन मिलाकर अबीर तैयार करते हैं. ऐसे अबीर मात्र 10 रुपये प्रति किलो की दर पर बिकते हैं.
कई कारखानों में कुदाल, बेल्चा से अबीर को मिलाने का काम किया जाता है. ऐसे मिश्रणों को मिट्टी पर ही तैयार किया जाता है. इससे अबीर में गंदगी मिलने की पूरी संभावना रहती है. खुद को जोखिम से बचाने के लिए मजदूर मुंह और सिर को ढंक कर पैर से ही अबीर को मिलाते हैं. सस्ती अबीर को आकर्षक बनाने के लिए उसमें सुगंधी मिलायी जाती है. इसलिए इस बार जब आप होली खेलें, तो इन सब बातों का ध्यान अवश्य रखें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें