कोलकाता : पश्चिम मेदिनीपुर के दासपुर थाने में दर्ज मामले की सीआइडी जांच को लेकर पूर्व आइपीएस भारती घोष ने पुलिस पर हमला बोला है. मीडिया को जारी ऑडियो क्लिप के मुताबिक भारती घोष ने कहा : मैं वर्ष 1994 में सरकारी नौकरी में आयी. नौकरी ज्वाइन करने से पहले अपनी संपत्ति की जानकारी राज्य सरकार को दे चुकी हूं. मैं जमींदार खानदान की बेटी हूं. मुझे विवाह में 75 तोला सोना परिवार से भेंट में मिला था. मैंने राज्य सरकार के साथ ही आयकर विभाग को भी इसकी जानकारी दी है.
लेकिन इतने दिन बाद सीआइडी की टीम दासपुर थाने में एक चाउमिन विक्रेता द्वारा 375 ग्राम सोना के गायब होने की शिकायत दर्ज कराने के बाद जांच के बहाने मेरे करीबी बताकर लोगों को परेशान किया जा रहा है. घरों में घूम-घूम कर सोना जब्त कर रहे हैं. वे (सीआइडी) अब मुझ तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं. सीआइडी मेरे बैंक लॉकर को तोड़ने की तैयारी कर रही है. मेरी सारी संपत्ति को जब्त करने की साजिश रची जा रही है, जो कि मेरी घोषित संपत्ति है.
सीआइडी यह नहीं जानती कि कानून-अदालत का न्याय आज भी जिंदा है. लिहाजा मैंं भी चुप नहीं रहनेवाली. मैं उच्चतम न्यायालय तक जाकर न्याय के लिए लड़ाई लडूंगी और यह राज्य की जनता भी देखेगी. गौरतलब है कि दासपुर थाने में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर सीआइडी मामले की जांच कर रही है. प्राथमिकी में शिकायतकर्ता ने पुिलस पर जबरन वसूली और दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है. इसी सिलसिले में आइपीएस अधिकारी भारती घोष के करीबियों पर कार्रवाई हुई है. खुद भारती घोष के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है. पूर्व में उनके आवास पर छापेमारी की गयी है.