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स्टांप ड्यूटी घटाने से बढ़ेगी रजिस्ट्रेशन की संख्या

विधानसभा में बोले अमित मित्रा म्यूटेशन व रजिस्ट्रेशन साथ-साथ से आयेगी पारदर्शिता कोलकाता : राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने कहा कि स्टांप ड्यूटी घटाने से रजिस्ट्रेशन की संख्या में इजाफा होगा. रजिस्ट्रेशन की संख्या बढ़ने से अनुमानित घाटे को निपटा जा सकेगा. श्री मित्रा ने गुरुवार को विधानसभा में वित्त विधेयक पर हुई […]

विधानसभा में बोले अमित मित्रा

म्यूटेशन व रजिस्ट्रेशन साथ-साथ से आयेगी पारदर्शिता
कोलकाता : राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने कहा कि स्टांप ड्यूटी घटाने से रजिस्ट्रेशन की संख्या में इजाफा होगा. रजिस्ट्रेशन की संख्या बढ़ने से अनुमानित घाटे को निपटा जा सकेगा. श्री मित्रा ने गुरुवार को विधानसभा में वित्त विधेयक पर हुई बहस का जवाब देते हुए ये बातें कहीं. उल्लेखनीय है कि राज्य बजट में स्टांप ड्यूटी पर एक फीसदी का कमी का प्रस्ताव रखा गया था.
उन्होंने कहा कि यह एक फरवरी से ही लागू हो गया है. उन्होंने कहा कि 2016-17 के दौरान स्टांप ड्यूटी से 3293.57 करोड़ रुपये की आय हुई थी. 2017-18 में दिसंबर तक 3869.82 करोड़ रुपये स्टांप ड्यूटी का संग्रह किया गया है. इसमें 17.5 फीसदी का इजाफा हुआ है.
एक दिन में रजिस्ट्रेशन की डिलेवरी
श्री मित्रा ने कहा कि राज्य सरकार इ-पंजीकरण को बढ़ावा दे रही है तथा एक दिन में रजिस्ट्री की डिलेवरी कर दी जायेगी. पूरी व्यवस्था ऑनलाइन होगी और ऑनलाइन ही डीड्स की सर्टिफाइड कॉपी भी निकाली जा सकेगी. उन्होंने कहा कि वे लोग रजिस्ट्री के समय ही म्यूटेशन की प्रक्रिया भी शुरू कर रहे हैं. इससे धोखाधड़ी व विवाद की संख्या घटेगी तथा धोखाधड़ी नहीं हो सकेगी. उन्होंने कहा कि सारे इ-रिकार्ड रहने के कारण पश्चिम बंंगाल के किसी भी जमीन की रजिस्ट्री कोलकाता में की जा सकेगी.
सिंगल स्क्रीन सिनेमा हॉल की समस्या निपटायेगी जायेगी
श्री मित्रा ने कहा कि सिंगल स्क्रीन के सिनेमा घरों को भी जीएसटी के दायरे में ला दिया गया है, लेकिन वे जीएसटी को अपलोड नहीं कर पा रहे हैं. इस कारण वे रिफंड भी पा रहे हैं. वह शीघ्र ही इस बाबत सिंगल स्क्रीन सिनेमा मालिकों के साथ बैठक करेंगे और उनकी समस्या का 15 दिनों में समाधान की कोशिश की जायेगी.
उन्होंने कहा कि यही समस्या निर्यातकों के साथ आ रही है. पहले निर्यात में जीएसटी नहीं लगता था, लेकिन अब जीएसटी लग रहा है, लेकिन वे भी जीएसटी को अपलोड नहीं कर पा रहे हैं. इस कारण उन्हें रिफंड नहीं मिल रहा है और इससे उनका पूंजीगत खर्च बढ़ा है. इसका असर कर्मचारियों पर होगा और वे छंटनी के लिए बाध्य हो जायेंगे.
इ-वे बिल लागू होने से हो रही समस्या
श्री मित्रा ने कहा कि पश्चिम बंगाल की कर व्यवस्था पूरी तरह से डिजीटलीकरण कर दिया गया है, लेकिन कई राज्यों में अभी भी यह व्यवस्था नहीं है. इस बीच ही केंद्र सरकार ने जबरन एक फरवरी से इ-वेविल लागू कर दिया है. इससे पूरी स्थिति बिगड़ गयी है तथा पहले दिन ही पोर्टल काम करना बंद कर दिया था.
आबकारी से आय में इजाफा
श्री मित्रा ने कहा कि राज्य सरकार को आबकारी से होनेवाली आय में इजाफा हुआ है. वर्ष 2016-17 में यह 3432.55 करोड़ रुपये थे, जो 2017-18 के दौरान बढ़ कर 6632.65 करोड़ रुपये हो गया है.

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