इसलिए बुखार होने पर खुद चिकित्सा न कर तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. ऐसे करने से गर्भ में पल रहे शिशु प्रभावित हो सकता है. ये बातें कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल वरिष्ठ महिला रोग विशेषज्ञ डॉ अभिनिवेश चट्टोपाध्याय ने कहीं.
उन्होंने कहा कि बुखार होने पर शरीर में फ्लूइड की मात्रा घट सकती है, इसलिए ज्वर के होने पर नारियल पानी, शर्बत, सूप या फिर पानी पीते रहना चाहिए. ऐसा करने से शरीर में पानी की मात्रा नियंत्रित रहता है. उन्होंने बताया कि प्रसव के दौरान शरीर से करीब 1 से 1.5 लीटर रक्त बह जाता है. वहीं, डेंगू से रक्त में पाये जानेवाले प्लेटलेट्स की मात्रा भी घट सकता है. इसलिए प्रसूताओं के बुखार के दौरान खास सावधानी बरतनी चाहिए.