कोलकाता. बड़ाबाजार प्रमुख व्यावसायिक स्थल है. यहां काफी तादाद में लोग बाहर से यहां आते हैं. वाहनों की संख्या में भी कमी नहीं है. ऐसे में वाहनों की पार्किंग को लेकर समस्या होती है. आलम यह है कि बाहरी इलाकों से बड़ाबाजार आने वाले लोग वाहन से यहां आने से कतराते हैं. इसकी वजह पार्किंग की समस्या ही है.
उपरोक्त समस्या के मद्देनजर बड़ाबाजार इलाके में पार्किंग की अतिरिक्त व्यवस्था जरूरी है. पार्किंग की समस्या से निबटने के लिए मल्टी लेवल पार्किंग और अंडरग्राउंड पार्किंग की व्यवस्था के साथ अवैध पार्किंग पर लगाम कसना काफी अहम है. यह बातें ‘प्रभात खबर’ की ओर से आयोजित परिचर्चा ‘जन संवाद’ में बड़ाबाजार के लोगों ने कही. इस बार भी जन संवाद परिचर्चा का मुद्दा ‘पार्किंग की समस्या’ रखा गया. कार्यक्रम वैष्णोनाथ सेठ स्ट्रीट स्थित बागला हाउस में हुआ. कार्यक्रम की अध्यक्षता उद्योगपति व विशिष्ट समाजसेवी जगमोहन बागला ने की जबकि संचालन समाजसेवी सागर प्रसाद माली ने किया.
जगमोहन बागला (उद्योगपति व समाजसेवी) : मेरा मानना है कि बड़ाबाजार इलाके में पार्किंग समेत अन्य ट्रैफिक समस्याओं का सुलझ पाना काफी मुश्किल है. इसकी प्रमुख वजह है कि वाहनों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है लेकिन सड़कों की संख्या नहीं बढ़ी है. सड़क मार्ग की दशा वही है जो पहले थी. वाहनों की संख्या में जब कंट्रोल नहीं तो अवैध पार्किंग फूलेगा-फलेगा ही. हालांकि बड़ाबाजार इलाके में यदि पुलिस प्रशासन 50 प्रतिशत भी अवैध पार्किंग को नियंत्रित कर ले तो पार्किंग को लेकर काफी हद तक समस्या सुलक्ष सकती है. बड़ाबाजार इलाके में ठेला, हाथ रिक्शा समेत अन्य धीमी गति वाले वाहन चालकों द्वारा ट्रैफिक नियमों की अनदेखी को रोकना होगा. एक तो उनके विपरित दिशा से आवाजाही और इधर-उधर वाहनों को खड़ा करने की आदत में सुधार लाने की काफी जरूरत है. मालवाही वाहनों को सामान अनलोड करने के लिए कहीं भी खड़ा कर देते हैं. इससे भी पार्किंग और जाम की समस्या होती है. पार्किंग की समस्या के समाधान के लिए प्रशासन को ठोस पहल करनी होगी.
मनोज सिंह परासर (सामाजिक कार्यकर्ता) : बड़ाबाजार इलाके में पार्किंग की समस्या काफी जटिल होती जा रही है. इस समस्या से केवल बड़ाबाजार के निवासी ही नहीं बल्कि बाहर से आने वाले लोग भी रूबरू होते हैं. कई इलाकों में अवैध पार्किंग कराने वाले माफिया सक्रिय हैं. इलाके के कुछ अस्पतालों के आसपास भी ऐसी समस्या है. अवैध पार्किंग से होने वाले ट्रैफिक जाम के कारण अस्पतालों तक पहुंचने मेें मरीजों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है. वाहन है तो पार्किंग की व्यवस्था भी जरूरी है. ऐसे में पार्किंग की सटीक व्यवस्था के लिए सरकार आधुनिक पद्धति को अपनाये. मल्टी लेवल पार्किंग व अंडरग्राउंड पार्किंग की व्यवस्था हो. साथ ही अवैध पार्किंग कराने वाले माफिया पर नकेल कसी जाये.
सुनील राय (राजनीति से जुड़े) : पार्किंग की समस्या केवल बड़ाबाजार ही नहीं बल्कि महानगर के कई इलाकों में भी है. परेशान सभी हैं लेकिन मुद्दा यह है कि पहले आवाज कौन उठायेगा? अवैध पार्किंग के खिलाफ व पार्किंग की सटीक व्यवस्था की मांग पर कई दफा मैंने और मेरे साथियों ने आंदोलन किया. कुछ दिनों के लिए तो समस्या सुलझ जाती है लेकिन फिर हालात पुराने जैसे ही हो जाते हैं. हमें लगातार आवाज उठाते रहना होगा. निगम से पार्किंग का टेंडर लेने वाली कुछ एजेंसियों को मजबूरन अवैध पार्किंग कराने वाले के संपर्क में रहना पड़ता है और पार्किंग के लिए कुछ हिस्सा उन्हें देना पड़ता है. इसे रोकने के लिए पुलिस और प्रशासन को सख्त होना होगा.
केएस पांडेय (बिट्ठल बालिका विद्यालय के सचिव) : पार्किंग की अवैध पद्धति को दूर करने की जरूरत है. इससे पार्किंग की समस्या काफी हद तक सुधरेगी. अवैध पार्किंग पर लगाम कसने से हादसों में भी कमी आयेगी. कुछ इलाके में दबंग लोग अवैध पार्किंग कराकर मनमाने ढंग से रुपये वसूलते हैं. ऐसे लोगों का विरोध जरूरी है. लोगों के जागरूक और प्रशासन को सख्त होने की जरूरत है.
सागर प्रसाद माली (समाजसेवी) : बड़ाबाजार वाहन से आना हो तो दस बार सोचना पड़ता है. इसका कारण ट्रैफिक जाम है और जिसकी वजह है इलाके में होने वाली अवैध पार्किंग. बड़ाबाजार के कई जगहों पर ऐसी समस्या हैं. यदि अवैध पार्किंग पर अंकुश लगे तो पार्किंग को लेकर कुछ हद तक समस्या दूर हो सकती है. लोगों को अवैध पार्किंग कराने वालों के खिलाफ लगातार आवाज उठानी होगी.
लालबहादुर पाठक (सामाजिक कार्यकर्ता) : बड़ाबाजार इलाके में समस्या अवैध पार्किंग की वजह से होती है. इसके लिए लोग भी कहीं न कहीें जिम्मेदार हैं. समय के अभाव में लोग अवैध पार्किंग कराने वालों की बात मान अपने वाहनों की पार्किंग कर देते हैं और बाद में उन्हें बेहिसाब रुपये भी देने पड़ते हैं. इसे अवैध पार्किंग कराने वाले लोगों का मनोबल भी बढ़ रहा है. अवैध पार्किंग कई हादसोंं की वजह भी बनते हैं. इसे रोकने के लिए प्रशासन को सजग होने की जरूरत है.
प्रभात जैन (समाजसेवी) :पार्किंग की समस्या से हम सभी जूझ रहे हैं. अवैध पार्किंग पर अंकुश से पार्किंग की समस्या का समाधान कुछ हद तक हो सकता है. कुछ गलतियां हमारी भी है. हम वाहनों की पार्किंग करते हैं, वहां से जाने के बाद उसकी रसीद क्या सभी लेते हैं? हमें सिस्टम के हिसाब से चलना होगा. इससे अवैध रूप से पार्किंग कराने वालों पर दबाव बढ़ेगा. परिचर्चा के दौरान मोहम्मद अफसर समेत अन्य विशिष्ट लोग मौजूद रहे.