कोलकाता. स्वास्थ्य समस्या संबंधी विभिन्न मुद्दों पर चर्चा व उसके समाधान के लिए शनिवार को पीयरलेस हॉस्पिटल व बीके रॉय फाउंडेशन, रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिशियन ऑफ एडिनबर्ग और एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया (पश्चिम बंगाल चैप्टर) ने संयुक्त रूप सम्मेलन का आयोजन किया, जो रविवार को समाप्त होगा.
इस सम्मेलन में दुनियाभर के जाने माने फिजिशियनों ने हिस्सा लिया. कोलकाता में हो रहे चौथे डेंगू से होने वाली मौत के अलावा, भारत भी अज्ञात बुखार व इससे संबंधित बीमारी के कारणों से अछूता नहीं है. इस तरह के विषयों पर रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिशियन, एडिनबर्ग, पीयरलेस अस्पताल और बीके रॉय फाउंडेशन और भारत के चिकित्सक (पश्चिम बंगाल शाखा) एसोसिएशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित ‘मेडिकॉन इंटरनेशनल 2017’ सम्मेलन में चर्चा की गई.
लंदन के रॉयल कॉलेज इसके पहले ऐसे दो अवसरों पर इस तरह के आयोजन के संयुक्त भागीदार थे. साथ ही रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिशियन, एडिनबर्ग वर्ष 2016 और 2017 में सह-मेजबान रह चुके हैं. इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोसाइंस और साइकोलॉजी, ग्लासगो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर केथ डब्लू मुइर ने कहा कि हम अभी भी स्ट्रोक पीड़ितों के लिए थ्रोम्बोलिसिस उपचार पेश करने के लिए तैयार नहीं हैं, लेकिन तीव्र स्ट्रोक में थ्रोम्बैक्टोमी नामक नए उपचार को अब पश्चिमी प्रदेशों में पेश किया गया है.