संबंध हेल्थ फाउंडेशन(एसएचएफ) के ट्रस्टी संजय सेठ ने बताया कि शिक्षण संस्थानों के आसपास तंबाकू उत्पादों की बिक्री व उसका प्रयोग वर्जित होता है, जबकि इन्हीं स्थानों पर सबसे अधिक ऐसे उत्पादों की बिक्री होती है.
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शैक्षणिक संस्थानों के पास खुलेआम बिक रहे तंबाकू उत्पाद
कोलकाता: महानगर के 67 प्रतिशत शैक्षणिक संस्थानों के आसपास तंबाकू उत्पादों की सरेआम बिक्री कर कोटपा (सिगरेट एंव अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम 2003) का उल्लंघन किया जा रहा है. यह जानकारी संबध हैल्थ फांउडेशन (एसएचएफ) की ओर से सितंबर 2017 में शिक्षण संस्थानों पर कराये गये सर्वेक्षण में सामने आयी है, जबकि कोटपा की धारा-4 […]
कोलकाता: महानगर के 67 प्रतिशत शैक्षणिक संस्थानों के आसपास तंबाकू उत्पादों की सरेआम बिक्री कर कोटपा (सिगरेट एंव अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम 2003) का उल्लंघन किया जा रहा है. यह जानकारी संबध हैल्थ फांउडेशन (एसएचएफ) की ओर से सितंबर 2017 में शिक्षण संस्थानों पर कराये गये सर्वेक्षण में सामने आयी है, जबकि कोटपा की धारा-4 के तहत सार्वजनिक स्थलों व धारा छह के अनुसार किसी भी शैक्षणिक संस्थान के 100 गज के दायरे में और 18 साल से कम उम्र के किसी भी व्यक्ति को सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों की बिक्री नहीं की जा सकती.
25 सरकारी व निजी संस्थानों के पास किया गया सर्वे: महानगर में इस कोटपा अधिनियम की धारा 6 के अनुपालन की स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए संबंध हेल्थ फाउंडेशन द्वारा सितंबर 2017 में एक पिक्टोरियल सर्वे किया गया. इस सर्वे में कोलकता के उत्तरी ,दक्षिणी, पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्रों में स्थित 25 सरकारी व निजी शैक्षणिक संस्थानों को शामिल किया गया था. इस सर्वे में 21 स्कूल और 4 कॉलेज शामिल थे. सर्वे में जो परिणाम सामने आया है वह बहुत ही चिंताजनक है. इस सर्वे में शामिल किए गए स्कूलों में से 67 प्रतिशत स्कूलों के परिसरों के 100 गज के दायरे में तंबाकू बेचने की दुकाने थीं. इनमें से 17 स्कूलों में 47 प्रतिशत स्कूल भवनों से केवल 16-25 गज की दूरी पर तम्बाकू उत्पाद बेचे जा रहे थे. इसके अतिरिक्त 57 प्रतिशत स्कूल परिसरों के 100 गज के दायरे के भीतर ही तम्बाकू उत्पादों को बेचने की दुकानें थीं. इस कारण कम उम्र के छात्रों को तम्बाकू जैसी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक पदार्थ आसानी से उपलब्ध था.
कहीं भी नहीं लगे हैं तंबाकू निषेध बोर्ड : उन्होंने बताया कि सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा) की धारा-4 और 6 के प्रावधानों के अनुसार शैक्षणिक संस्थानों के बाहर तंबाकू विरोधी बोर्ड लगाना अनिवार्य है, लेकिन सर्वे में शामिल किये गये इन संस्थानों में किसी के भी परिसर के बाहर ऐसे बोर्ड नहीं दिखाई दिये. इस सर्वे में मुख्य रूप से 17 शैक्षणिक संस्थानों के सर्वे में पाया गया कि 68 प्रतिशत स्कूल परिसरों के 100 गज के दायरे में तंबाकू की दुकानें हैं वहीं 17 में से 8 स्कूल परिसरों के केवल 16-25 गज की दूरी के भीतर तंबाकू की दुकानें थीं. यह कुल सर्वे किए गये संस्थानों का 47 प्रतिशत है. अन्य 4 स्कूल परिसरों से तम्बाकू की दुकानें 26- 45 गज के दायरे में पायी गयीं. इस तरह 26- 45 गज के दायरे में 23 प्रतिशत तंबाकू की दुकानें पायी गयीं, जबकि 24 प्रतिशत तम्बाकू की दुकानें स्कूल भवनों से 46-55 गज के दायरे में पायी गयीं.
कोलकाता के शैक्षणिक संस्थानों के आसपास सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (सीओटीपीए) के प्रावधानों के उल्लंघन के मद्देनजर हमें सीओटीपीए के प्रावधानों को लागू कराने के लिए तेजी से काम करना चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इस अधिनियम का अनुपालन प्रभावी रूप से हो. कम से कम इस कानून के तहत आवश्यक तंबाकू विरोधी साइनबोर्ड तो हर शैक्षणिक संस्थानों के बाहर और भीतर अवश्य ही लगाये जायें. हमारी भावी पीढ़ी की सुरक्षा के लिए सभी शैक्षणिक संस्थानों को आवश्यक रूप से तम्बाकू मुक्त घोषित किया जाना चाहिए.
सप्तऋषि हाजरा, प्रोजेक्ट मैनेजर, संबध हैल्थ फांउडेशन, पश्चिम बंगाल
यह बहुत ही गंभीर और चिंताजनक है कि हर दिन बहुत बड़ी संख्या में तंबाकू सेवन के शिकार मरीज अस्पताल में इलाज के लिए आते हैं. इनमें से अधिकतर नौजवान होते हैं. संबंध हेल्थ फाउंडेशन द्वारा कराये गये सर्वे में सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम की धारा-4 और 6 के प्रावधानों के उल्लंघन की ओर ध्यान आकृष्ट कराने की मैं सराहना करता हूं. सर्वे के परिणामों ने बहुत ही प्रासंगिक सवाल उठाये हैं कि क्या हमारे बच्चे सुरक्षित हैं. शैक्षणिक संस्थानों को नौजवानों व बच्चों के लिए सुरक्षित बनाने के लिए पश्चिम बंगाल की सरकार को इस दिशा में शीघ्र हस्तक्षेप करने की जरूरत है.
डॉ. सौरव दत्ता, नारायणा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के कैंसर सर्जन.
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