कोलकाता : इवीएम की सत्यता की जांच अब मतदाता स्वयं कर पायेंगे. इसके लिए केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने नयी व्यवस्था की है, जिसके तहत मतदाता ने किस चिह्न् को वोट दिया है, इसकी जानकारी एक स्लिप के माध्यम से उन्हें दी जायेगी. अगर किसी भी मतदाता को शक होता है कि उसने जिस चिह्न् में वोट दिया है, उस चिन्ह को वोट नहीं मिला है तो वह इस वोटर वेरिफिकेशन पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) के माध्यम से इसकी जानकारी प्राप्त कर पायेगा. यहां के सिर्फ यादवपुर लोकसभा क्षेत्र में इस सिस्टम को शुरू किया जायेगा.
वोटर वेरिफिकेशन पेपर ऑडिट ट्रेल प्रक्रिया से मतदाता यह सबूत पाने में सक्षम होंगे कि उनका वोट उनके पसंद के प्रत्याशी को उनके सही चुनाव चिन्ह के साथ चला गया है. इसकी जानकारी देते हुए चुनाव अधिकारी ने बताया कि जैसे ही मतदाता इवीएम का बटन दबायेंगे, वीवीपीएटी से लगी हुई एक स्लिप बाहर आयेगी, जिसमें उन्होंने जिस चिह्न् को वोट दिया है, उसका नाम व चुनाव चिह्न् रहेगा. यह स्लिप तुरंत ही मशीन से लगे एक बक्से में चली जायेगी. वीवीपीएटी प्रक्रिया का प्रदर्शन पहले ही सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तर के राजनीतिक दलों को दिखाया जा चुका है. जो लोग इसे देखना चाहेंगे, उसे ही यह दिखाया जायेगा. क्योंकि मतदान करने के बाद सिस्टम से स्लिप निकलने में 12 सेकेंड का समय लगेगा, इससे चुनाव प्रक्रिया में थोड़ी देरी होगी, क्योंकि पूरी प्रक्रिया की जांच की जायेगी.
अगर मशीन में गड़बड़ी हुई तो उसे तुरंत बदला जायेगा. लेकिन अगर पता चले कि मतदाता ने झूठ कहा है और चुनाव का समय नष्ट किया है तो मतदाता के खिलाफ चुनाव आचार संहिता की धारा 177 के तहत मामला किया जायेगा और उसे तीन महीने तक ही जेल हो सकती है. उन्होंने कहा कि राज्य में यादवपुर एक मात्र निर्वाचन क्षेत्र है, जहां पर मतदाताओं के शैक्षणिक स्तर के आधार पर इस प्रक्रिया को प्रयोग के तौर पर लागू किया जायेगा.