दार्जीलिंग/सिलीगुड़ी : 100 दिनों से अधिक बंद रहने के बाद बुधवार सुबह छह बजे से पूरे दार्जीलिंग पर्वतीय क्षेत्र में एक बार फिर से रौनक लौट आयी. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अपील पर गोजमुमो सुप्रीमो विमल गुरुंग ने भी पहाड़ पर बेमियादी बंद खत्म करने की घोषणा की है. गृह मंत्री ने मंगलवार को दिल्ली में एक बयान जारी कर 15 दिनों की भीतर अलग राज्य गोरखालैंड मुद्दे पर त्रिपक्षीय बैठक बुलाने की बात कही.
इसके लिए उन्होंने केंद्रीय गृह सचिव को राज्य सरकार के साथ बातचीत करके तिथि निर्धारित करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही उन्होंने गोजमुमो से बंद खत्म करने की अपील की. राजनाथ सिंह की इस अपील के बाद देर रात को विमल गुरुंग ने बेमियादी बंद खत्म करने की घोषणा की.
राजनाथ सिंह ने अपने बयान में कहा कि 12 जून से ही दार्जीलिंग पर्वतीय क्षेत्र में बेमियादी बंद जारी है, जिसकी वजह से वहां की स्थिति काफी खराब है. वर्तमान गोरखालैंड आंदोलन के दौरान अब तक 11 लोगों की जान चली गयी है. दार्जीलिंग की वर्तमान स्थिति को देखकर वह काफी दुखी है. श्री सिंह ने कहा है कि लोकतंत्र में बातचीत से ही हर समस्या का समाधान संभव है. कानूनी दायरे में रहकर सभी लोगों को बातचीत की पहल करनी चाहिए. इसके साथ ही केंद्रीय गृह सचिव को 15 दिनों के अंदर सभी मुद्दे पर विचार-विमर्श के लिए एक बैठक बुलाने का भी निर्देश दिया है.
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उल्लेखनीय है कि वर्तमान गोरखालैंड आंदोलन के बीच में ही बंद खत्म करने को लेकर गोजमुमो में दोफाड़ हो चुका है. विनय तमांग तथा अनित थापा ने पार्टी से बगावत कर दी है. ये लोग अब जीटीए की कुर्सी संभाल रहे हैं. पिछले महीने की 29 तारीख को पहाड़ समस्या को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता स्थित सचिवालय नवान्न में जब सर्वदलीय बैठक की थी, तो उसके बाद ही उन्होंने पहाड़ बंद खत्म करने की घोषणा की थी. हालांकि इसका विशेष असर नहीं हुआ था. पहाड़ पर बंद जारी था. अब विमल गुरुंग की घोषणा के बाद पहाड़ पर स्थिति समान्य होने की उम्मीद है.
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लोग विनय तमांग को कभी माफ नहीं करेंगे: गुरुंग
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा प्रमुख विमल गुरुंग ने मंगलवार को कहा कि पर्वतीय क्षेत्र के लोग उनकी आकांक्षाओं से छल करने के लिए मोर्चा से निष्कासित नेता विनय तमांग को कभी माफ नहीं करेंगे. पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से नियुक्त गोरखा क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) के प्रशासक बोर्ड ने सोमवार को तमांग की अध्यक्षता में पहली बार बैठक की थी. बैठक में जीटीए का विशेष ऑडिट कराने का फैसला किया गया. गुरुंग ने एक संदेश में कहा, राज्य सरकार के हाथों में खेलने और पर्वतीय क्षेत्र के लोगों की आकांक्षाओं से छल करने के लिए गोरखा समुदाय तमांग को कभी माफ नहीं करेगा. उसने गोरखालैंड मुद्दे से समझौता किया है.