कोलकाता. हुगली जिले के नेहरू नगर सार्वजनिन दुर्गापूजा समिति की ओर से केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो को पूजा उदघाटन करने के लिए आमंत्रित किया गया था. लेकिन बाद में समिति ने पत्र देकर उनसे क्षमा प्रार्थना करते हुए कहा कि उदघाटन कार्यक्रम में उनके (बाबुल) आने पर राजनीतिक रंग दिया जा रहा है. इसलिए हमलोग उनका कार्यक्रम स्थगित कर दे रहे हैं, क्योंकि पूजा के दौरान किसी के आनंद में कोई खलल पड़े ऐसा हम नहीं चाहते. इसके लिए हम लोग क्षमा प्रार्थी हैं.
इस घटना को लेकर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया जतायी है. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने बकायदा संवाददाता सम्मेलन कर आरोप लगाया कि यह सब कुछ तृणमूल कांग्रेस के दबाव में हुआ है, क्योंकि इस पूजा समिति के साथ एक स्थानीय व्यवसायी जुड़े हुए हैं और उनका कामकाज हुगली नगरपालिका और राज्य सरकार के साथ होता है. उनको साफ धमकी दी गयी कि अगर वह लोग बाबुल सुप्रियो से उदघाटन कराते हैं तो उनका बिल का सारा भुगतान रोक दिया जायेगा और आगे से उनको कोई भी काम नहीं करने दिया जायेगा.
इसके साथ ही व्यक्तिगत तौर पर पूजा समिति से जो लोग जुड़े हुए थे उनको भी तरह – तरह से धमकी दी गयी. लिहाजा तमाम तरह का प्रचार करने के बावजूद आयोजकों को बाबुल सुप्रियो का कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा. इस तरह ममता बनर्जी के नेतृत्व में घृणा की राजनीति चल रही है. जिसका नकारात्मक असर पड़ने वाला है.
उन्होंने कहा कि धार्मिक आयोजन पूरी तरह राजनीति से अलग होता है. लेकिन तृणमूल कांग्रेस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी किसी भी तरह से विभेद और अलगाव की राजनीति फैला कर उसका राजनीतिक फायदा उठाने में लगी हुई हैं. इसका प्रमाण है धमकी देकर बाबुल सुप्रियो के कार्यक्रम को स्थगित करवाना . इसके अलावा विसर्जन के मुद्दे पर हाईकोर्ट के आदेश को नजरअंदाज करते हुए उसकी गलत व्याख्या करना. इस तरह की हरकत करके ममता बनर्जी खुद को अदालत और संविधान से ऊपर मान रही हैं जिसका खामियाजा उनको भुगतना पड़ेगा. संवाददाता सम्मेलन में सांसद जार्ज बेकर के साथ भाजपा की महामंत्री देवश्री चौधरी भी मौजूद थीं.