श्री मोहन ने कहा कि हालांकि कंपनियां कानूनी तौर पर बोनस का भुगतान करने के लिए बाध्य हैं भले ही बंद के कारण चाय के बागानों में काम बंद रहा हो. दार्जिलिंग के चाय बागानों में करीब एक लाख श्रमिक काम करते हैं जिसमें से करीब 55000 को सीधे रोजगार मिला है.
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चाय बागान मजदूरों के बोनस का मुद्दा अधर में
कोलकाता. दार्जिलिंग के चाय बागानों में काम करने वाले मजदूरों को इस साल बोनस मिलने का निर्णय अभी अधर में ही लटका दिख रहा है क्योंकि पहाड़ी इलाकों में चली लंबी बंदी के बाद प्रबंधन, कर्मचारी और श्रमिक संगठनों के बीच बातचीत के द्वार लगभग बंद हो गये हैं. दार्जिलिंग टी एसोसिएशन (डीटीए) के चेयरमैन […]
कोलकाता. दार्जिलिंग के चाय बागानों में काम करने वाले मजदूरों को इस साल बोनस मिलने का निर्णय अभी अधर में ही लटका दिख रहा है क्योंकि पहाड़ी इलाकों में चली लंबी बंदी के बाद प्रबंधन, कर्मचारी और श्रमिक संगठनों के बीच बातचीत के द्वार लगभग बंद हो गये हैं. दार्जिलिंग टी एसोसिएशन (डीटीए) के चेयरमैन विनोद मोहन ने बताया कि ‘अंशधारकों के बीच श्रमिकों के बोनस के मुद्दे पर बातचीत नहीं की जा सकती है क्योंकि इलाके में बंद जून की शुरूआत में ही शुरु हो गया था.
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