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डेरेक को ममता ने दिये कई विशेष दायित्व

कोलकाता: अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस में सांसद डेरेक ओ ब्रायन का कद दिनों-दिन बढ़ते जा रहा है. उसके साथ ही कभी नंबर दो की जगह पर रहनेवाले मुकुल राय का कद सिमटता जा रहा है. खुद पार्टी के अंदर यह चर्चा अब जोर पकड़ती जा रही है. राज्यसभा के सांसद पद पर शपथ लेने के […]

कोलकाता: अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस में सांसद डेरेक ओ ब्रायन का कद दिनों-दिन बढ़ते जा रहा है. उसके साथ ही कभी नंबर दो की जगह पर रहनेवाले मुकुल राय का कद सिमटता जा रहा है. खुद पार्टी के अंदर यह चर्चा अब जोर पकड़ती जा रही है. राज्यसभा के सांसद पद पर शपथ लेने के बाद डेरेक ने अपने पिता को याद करते हुए कहा कि वह नयी जिम्मेदारी के साथ काम शुरू कर रहे हैं, लेकिन अपने पिता की कमी को महसूस कर रहे हैं.
उन्हें बधाई देनेवालों का तांता लगा हुआ है. लोग एक साथ उन्हें दोहरी बधाई दे रहे हैं. पहली राज्य सभा का सदस्य बनने का और दूसरा संसद की स्थायी संसदीय कमेटी के चेयरमैन बनने का. सांसद के साथ डेरेक संसद के परिवहन, पर्यटन व संस्कृति मामले की स्थायी कमेटी के चेयरमैन भी बनाये गये हैं. पहले यह जिम्मेदारी मुकुल राय की थी. सदस्यों की संख्या को देखते हुए तृणमूल कांग्रेस को चेयरमैन पद दिया गया था, जिस पर नियुक्ति पार्टी के पसंद का सांसद होता है. डेरेक के सांसद बनते ही पार्टी की तरफ से राज्यसभा के चेयरमैन को पत्र लिखकर मुकुल राय की जगह डेरेक को चेयरमैन बनाने की बात कही गयी. लिहाजा लोग डेरेक को दोहरी बधाई दे रहे हैं.
इधर, पार्टी के अदंर इसे मुकुल का कद घटाने के कदम से जोड़कर देखा जा रहा है. इससे पहले, मुकुल राय पार्टी के प्रवक्ता और दिल्ली के संपर्कों के साथ तालमेल रखते थे. केंद्र सरकार व विपक्षी दलों के साथ संपर्क बनाये रखने का जिम्मा मुकुल के राय ही निभाते थे. लेकिन पहले ही यह सारी जिम्मेदारी डेरेक के हाथों में आ गयी थी. अब चेयरमैन का पद भी उन्हें मिल गया.
वहीं, मुकुल राय के पास झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश में संगठन को मजबूत करने का दायित्व था, जो अब उनके घोर विरोधी भाटपाड़ा के विधायक अजुर्न सिंह के हवाले कर दिया गया है. यानी पार्टी के अंदर मुकुल राय का कद दिनों दिन घटता जा रहा है. राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार उनके भाजपा में जाने की अटकलें से ममता बनर्जी बेहद नाराज हैं. लिहाजा वे धीरे-धीरे उनसे सभी दायित्व वापस ले रही हैं.
दूसरी ओर भाजपा सूत्रों के अनुसार केंद्रीय नेतृत्व भी अब मुकुल को लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं है, क्योंकि उसे उम्मीद थी कि मुकुल के साथ कई लोग आयेंगे. लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा है. कुल मिलाकर मुकुल राय को लेकर खुद तृणमूल कांग्रेस के अंदर ही चर्चा है कि सांसद के रूप में उनका कार्यकाल खत्म होने के बाद शायद ही पार्टी उनको फिर से उम्मीदवार बनाये. मुकुल का काम डेरेक बखूबी संभाल रहे हैं और संगठन में मुकुल से आगे अर्जुन सिंह को पेश किया जा रहा है.

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