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अब अाइआइटी-जेइइ (एडवांस्ड) ऑनलाइन
कोलकाता. अगले साल से आइआइटी-जेइइ (एडवांस्ड) को ऑनलाइन किया जायेगा. छात्रों की सुविधा के लिए इस पद्धति में बदलाव किया गया है. इस पेपर में केवल एमसीक्यू (मल्टीपल-च्वाइस कोशन) पैटर्न के हिसाब से प्रश्न ही नहीं रहेंगे, बल्कि लघु उत्तरवाले प्रश्न भी तैयार किये जायेंगे. इसका उत्तर परीक्षार्थी को अपने हिसाब से देना होगा. देखा […]
कोलकाता. अगले साल से आइआइटी-जेइइ (एडवांस्ड) को ऑनलाइन किया जायेगा. छात्रों की सुविधा के लिए इस पद्धति में बदलाव किया गया है. इस पेपर में केवल एमसीक्यू (मल्टीपल-च्वाइस कोशन) पैटर्न के हिसाब से प्रश्न ही नहीं रहेंगे, बल्कि लघु उत्तरवाले प्रश्न भी तैयार किये जायेंगे. इसका उत्तर परीक्षार्थी को अपने हिसाब से देना होगा.
देखा जाये, तो वर्ष 2017 तक जी (एडवांस्ड) केवल एमसीक्यू ही रखा गया है, जिसमें एक या दो मल्टीपल प्रश्नों का सही उत्तर छात्रों को देने का नियम था.
इसमें परीक्षार्थी को सही उत्तर शीट के अंदर पेंसिल से देने का नियम था. अब कंप्यूटर-बेस्ड टेस्ट के शुरू करने के साथ ही आवेदक को कीबोर्ड से जुड़ना होगा. अब इसमें बदलाव करते हुए छात्र अपना उत्तर लिख पाने व कैलकुलेशन के जरिये सही उत्तर देने में सक्षम होंगे. ज्वाइंट एडमिशन बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि जब प्रश्नों का पैटर्न मल्टीपल च्वाइस का था, तब परीक्षार्थी छात्र अनुमान के आधार पर उत्तर लिखते थे. अब इस तरह का माैका उन्हें बहुत कम मिलेगा. एक विशेष तरीके से प्रश्नों को फ्रेम करने का अब कोई निर्देश नहीं है. प्रश्न सेट करनेवालों को यह अाजादी रहेगी कि वे प्रश्नों की वैरायटी शुरू करने के साथ पहले के ढर्रे को बदल सकते हैं. इसके लिए परीक्षार्थियों को काफी कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी. केवल तकनीकी के भरोसे उनका काम नहीं चलेगा.
जेइइ के एक अधिकारी ने बताया कि किसी एक कॉनसेप्ट पर आधारित प्रश्न बढ़ जायेंगे. प्रश्न का पैटर्न बदल जायेगा. प्रिंटिंग में गलतियों के लिए कंप्यूटराइज्ड टेस्टिंग सिस्टम शुरू किया जा रहा है. हाल ही में आइआइटी, मद्रास में हुई बैठक के बाद जेइइ इम्पलीमेंटेशन कमेटी सदस्यों ने परीक्षा ऑनलाइन कराने का फैसला किया है. इस नियम से ग्रामीण छात्रों को कंप्यूटर पर काम करने से परेशानी हो सकती है. इस समस्या के समाधान के लिए एक उप-कमेटी बनायी गयी है, जो टेस्ट से पहले एक सप्ताह में मोक परीक्षा लेगी, ताकि ग्राम इलाके के छात्र इस नये टेस्ट पैटर्न से जुड़ सकें व आसानी से परीक्षा दे सकें. यह भी प्रस्ताव दिया गया है कि अगर जरूरी हुआ, तो ऐसे छात्रों को मॉक टेस्ट के लिए चुनिंदा परीक्षा केंद्रों पर आने की अनुमति दी जायेगी. कमेटी द्वारा ही आइआइटी-जेइइ (एडवांस्ड) परीक्षा के लिए नये पैटर्न का प्रस्ताव दिया गया है.
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