बता दें कि जूनियर डॉक्टरों से अस्पताल के इंडोर व इमरजेंसी विभाग में सेवा ली जाती है. गत दो दिनों से इनके हड़ताल पर रहने के कारण अस्पताल की सेवा प्रभावित हुई. स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कॉलेज प्रबंधन एवं इंर्टन छात्रों के प्रतिनिधि को स्वास्थ्य भवन बुलाया. वहां एक उच्चस्तरीय बैठक हुई, जिसमें स्वास्थ्य राज्य मंत्री, मुख्य स्वास्थ्य सचिव, कॉलेज प्रिंसिपल, अस्पताल अधीक्षक एवं इंर्टन छात्रों के प्रतिनिधि शामिल थे.
बैठक में जूनियर डॉक्टरों की ओर से सुरक्षा संबंधी मांग रखी गयी. मंत्री ने उनकी सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया. इसके बाद जूनियर डॉक्टरों ने काम पर लौटने के संकेत दिये. अस्पताल अधीक्षक प्रो. डॉ पीतवरण चक्रवर्ती ने बताया कि मंत्री से आश्वासन मिलने के बाद जूनियर डॉक्टर काम पर लौट गये. गौरतलब है कि शनिवार को अस्पताल के इमरजेंसी विभाग में एक मरीज की चिकित्सा के दौरान उसके परिजनों ने जूनियर महिला डॉक्टर के साथ बदसलूकी और हाथापाई की थी. इसके बाद जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गये.