चाय-कॉफी पीकर बैठक करने से काम नहीं होगा. जनता तो अपने प्राणों को अर्पित करने के लिए सड़क पर उतर रही है, अब नेतृत्व को भी सड़क पर आना होगा. श्री राई ने कहा हमारी मांग गोरखालैंड है इसलिए भूलकर भी नेतृत्व गोरखालैंड से कम कोई भी व्यवस्था पर समझौता करने का प्रयास न करे.
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पदयात्रा में उठी गोरखालैंड की मांग
दार्जिलिंग. अलग गोरखालैंड राज्य गठन की मांग को लेकर रंगबुल धोत्रे गोरखा बस्ती, कॉलेज वैली और मिलिंग क्षेत्र के गोरखालैंड समर्थकों ने ‘वॉक फॉर गोरखालैंड’ नाम से पदयात्रा निकाली. इसका शुभारम्भ रंगबुल बाजार एवं फाटक से हुआ. इसमें तकरीब 250 लोगों ने हिस्सा लिया. पदयात्रा एनएच 55 से होते हुई चौरस्ता पहुंची और वहां आमरण […]
दार्जिलिंग. अलग गोरखालैंड राज्य गठन की मांग को लेकर रंगबुल धोत्रे गोरखा बस्ती, कॉलेज वैली और मिलिंग क्षेत्र के गोरखालैंड समर्थकों ने ‘वॉक फॉर गोरखालैंड’ नाम से पदयात्रा निकाली. इसका शुभारम्भ रंगबुल बाजार एवं फाटक से हुआ. इसमें तकरीब 250 लोगों ने हिस्सा लिया. पदयात्रा एनएच 55 से होते हुई चौरस्ता पहुंची और वहां आमरण अनशन पर बैठे आंदोलनकारियों का मनोबल बढ़ाया.
बाद में पत्रकारों से रूबरू होते हुए अमृत गुरूंग ने कहा कि गोरखालैंड की मांग को लेकर पिछले 49 दिनों से पहाड़ बंद है, 13 दिन से युवा कार्यकर्ता आमरण अनशन कर रहे हैं, आठ आंदोलनकारियों की मौत हो चुकी है, फिर भी केंद्र सरकार चुप क्यों है? इसी तरह से चंद्रिका राई ने कहा गोरखालैंड आन्दोलन को और प्रभावशाली बनाने के लिए पहाड़ के सभी राजनैतिक दलों ने गोरखालैंड मूवमेंट कोऑर्डिनेशन कमिटी का गठन किया है. अब कमिटी के नेतृत्व को भी सड़क पर आना होगा.
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