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स्वच्छता को लोगों व प्रशासन की सजगता जरूरी
कोलकाता. साफ-सफाई और स्वच्छता को लेकर आम लोगों व प्रशासन को संयुक्त रूप से कार्य करने की जरूरत है. प्रशासन यदि साफ-सफाई के लिए कार्य करता है तो आम लोगों को भी अपनी जिम्मेदारी का पालन करना चाहिए. दूसरी ओर प्रशासन को भी साफ-सफाई के लिए आवश्यक संसाधनों की पूर्ति के साथ तत्पर रहने की […]
कोलकाता. साफ-सफाई और स्वच्छता को लेकर आम लोगों व प्रशासन को संयुक्त रूप से कार्य करने की जरूरत है. प्रशासन यदि साफ-सफाई के लिए कार्य करता है तो आम लोगों को भी अपनी जिम्मेदारी का पालन करना चाहिए. दूसरी ओर प्रशासन को भी साफ-सफाई के लिए आवश्यक संसाधनों की पूर्ति के साथ तत्पर रहने की जरूरत है. यानी आम लोगों और प्रशासन दोनों की सजगता जरूरी है. यह बातें “प्रभात खबर’ की ओर से आयोजित परिचर्चा में विशिष्ट लोगों ने कहीं. प्रभात खबर जन संवाद परिचर्चा का विषय ‘स्वच्छता : कितने जागरूक लोग’ रखा गया था.
राज नारायण पांडेय : स्वच्छता के लिए आम लोगों के साथ प्रशासन की सजगता भी अहम है. बारिश के दौरान हमारे इलाके में जलजमाव की समस्या ज्यादा हो जाती है. ऐसे में जल निकासी की व्यवस्था और दुरुस्त किये जाने की जरूरत है.
देबू चटर्जी : लेक रोड इलाके में मेरा परिवार करीब 60 वर्षों से रह रहा है. स्वच्छता की बात करें तो गत तीन वर्षों में स्थिति थोड़ी बिगड़ी है. फुटपाथ के किनारे पेड़ लगाये गये हैं, लेकिन उनकी रख-रखाव व देखभाव की सही व्यवस्था नहीं है. मच्छरों को मारने के लिए दवा का छिड़काव भी सही ढंग से नहीं होता है.
राज हाल्दार : इलाके की स्वच्छता के लिए आम लोगों के साथ प्रशासन की सजगता भी अहम है. काफी अरसे से इलाके में निवास कर रहा हूं. इलाके में जलजमाव की समस्या को दूर करने की काफी जरूरत है.
दिलीप साहा : स्वच्छता नींव से जुड़ा हुआ मुद्दा है. साफ-सफाई के लिए आम लोगों को सबसे पहले जागरूक होने की जरूरत है. स्वच्छता के लिए केवल कथनी से काम नहीं चलेगा, करनी की भी जरूरत है.
दीपक बर्मन : लेक रोड इलाके में कई कार्यालय भी मौजूद हैं. बाहर से लोग भी यहां काम करने आते हैं. यहां सुलभ शौचालय की व्यवस्था नहीं है.
मीठू विश्वास : लेक रोड इलाके में गंदगी की काफी समस्या है. लोग अपने घरों का कचरा कहां फेंके? इलाके में कूड़ेदान था, लेकिन उसके टूटने के बाद नये कूड़ेदान की व्यवस्था नहीं हो पायी.
राजा चक्रवर्ती : मुझे लगता है कि स्वच्छता के लिए सबसे पहले हमें पॉलिथीन के व्यवहार को बंद करना पड़ेगा. कहीं न कहीं पॉलिथीन स्वच्छता में बड़ा बाधक बन रहा है. कई जगहों के नालों में पॉलिथीन की वजह से जल जमाव की समस्या होती है.
असीम पाल : स्वच्छता के लिए प्लास्टिक का व्यवहार बंद होना चाहिए. साथ ही इसके लिए एक कड़ा कानून बनाने की आवश्यकता है.
परिचर्चा में अरुण महतो, पापुल बर्मन, देव नारायण साव, कन्नाई ठाकुर, जी कुमार, एस चक्रवर्ती, सुबीर कुमार दास समेत अन्य विशिष्ट लोग भी मौजूद रहे.
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