कोलकाता: आरएन टैगोर इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियेक साइंसेस, कोलकाता (आरटीआइआइसीएस) की ओर से मोटापा से जूझ रहे लोगों को बैरिएट्रिक सर्जरी के माध्यम से जीवन की गुणवता बढ़ाने के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया. आरटीआइआइसीएस ने इस उद्देश्य से ‘शेप क्लीनिक’ की शुरुआत की है.
आरएन टैगोर इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियेक साइंसेस के कंस्लटेंट लेप्रोस्कोपिक व बैरिएट्रिक सर्जन डॉ संजय दूबे ने बताया कि भारी वजन से जूझ रहे लोगों के लिए बैरिएट्रिक सर्जरी उपचार का समुचित साधन है. जो हाइपर टेंशन और खानपान में नियंत्रण के बावजूद अपने वजन नहीं घटा पाते हैं, उनके लिए यह कारगर साबित हुआ है.
उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में मोटापा एक महामारी का रूप धारण कर लिया है. देश की कुल आबादी के 5 फीसदी लोग मोटापा से जूझ रहे हैं. जागरूकता के अभाव, आत्मविश्वास की कमी व आधुनिक जीवनशैली मोटापा को बढ़ाने में मदद करता है. आरएन टैगोर इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियेक साइंसेस के कंस्लटेंट लेप्रोस्कोपिक व बैरिएट्रिक सर्जन डॉ शुभायु बनर्जी ने कहा कि टाइप 2 डॉयबेटिज या हाइपरटेंशन के कारण मोटापा से जूझ रहे लोगों के लिए बैरिएट्रिक सर्जरी एक मात्र जीवन रक्षक उपाय है. उनलोगों ने कई ऐसे मरीजों का इलाज किया है कि जो किसी ने किसी कारण अपने वजन घटाने में असमक्ष थे. इस अवसर पर डॉक्टरों ने रोगियों व बैरिएट्रिक सर्जरी करवा चुके लोगों के साथ बातचीत की.