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शहीद मीनार की सभा में ममता सरकार पर बरसे अधीर, कहा आपस में लड़ मरेंगे तृणमूल नेता
कोलकाता: प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने बुधवार को शहीद मीनार में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि आनेवाले दिनों में तृणमूल कांग्रेस खुद ही खत्म हो जायेगी, क्योंकि भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे तृणमूल के नेता और कार्यकर्ता आपस में ही लड़ मर रहे हैं. जो बच जायेंगे […]
कोलकाता: प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने बुधवार को शहीद मीनार में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि आनेवाले दिनों में तृणमूल कांग्रेस खुद ही खत्म हो जायेगी, क्योंकि भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे तृणमूल के नेता और कार्यकर्ता आपस में ही लड़ मर रहे हैं. जो बच जायेंगे वे नारदा, सारधा जैसे मामलों में जेल जायेंगे. लिहाजा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को इस बारे में सोचने की बजाय संगठन को बढ़ाने की दिशा में सोचना होगा.
श्री चौधरी ने कहा कि ममता बनर्जी अपनी झूठ का पिटारा लेकर जो घूम रही हैं, उसकी सच्चाई अब लोगों के सामने आ गयी है. लोग उन्हें अब हिकारत की नजर से देख रहे हैं. इसमें ताजा इजाफा कन्याश्री पुरस्कार के रूप में लोगों के सामने आया है. ममता कन्याश्री में मिले पुरस्कार को इस तरह पेश कर रही हैं, मानों वह विश्व विजेता बन गयी हैं. हकीकत यह है कि इस तरह के पुरस्कार हजारों की संख्या में मिलते हैं. अगर ममता के पैमाने से देखा जाये, तो खुद हिंदुस्तान के कर्नाटक राज्य में चल रही भाग्यश्री योजना के करीब भी नहीं है पश्चिम बंगाल की कन्याश्री योजना. कर्नाटक में राज्य सरकार 18 साल पूरा होने पर कन्या को एक लाख रुपये देती है और उसके पूरे परिवार का स्वास्थ बीमा भी करवाती है. बंगाल में केवल 25 हजार रुपये मिलते हैं और बीमा का सवाल ही नहीं उठता. चूंकि अन्य राज्य उसमें भाग नहीं लिये थे, इसलिए पश्चिम बंगाल के भाग्य से छींका टूट गया और ममता उसे अपनी सफलता की डफली के रूप में बजा रही हैं.
उन्होंने कहा कि बंगाल में आज सांप्रदायिक हिंसा का जो दौर शुरू हुआ है, उसके लिए ममता बनर्जी की सेंटीमेंट राजनीति जिम्मेवार है. गोरखालैंड शांत पड़ा हुआ था. ममता जाकर वहां दबी चिंगारी को हवा दी और अब घूम-घूम कर बंगाली सेंटीमेंट की दुहाई देते हुए कह रही हैं कि बंगाल का विभाजन वह नहीं होने देंगी. सवाल उठता कि बंगाल जितना बंगालियों का है, उतना ही गोरखा भाइयों का भी है. ऐसे में इस तरह का सवाल क्यों उठा, इसका जवाब तो मुख्यमंत्री को ही देना होगा. इसके अलावा उनकी स्वार्थ भरी राजनीति के कारण ही बंगाल में भाजपा को पैर पसारने का मौका मिला.
उन्होंने कहा कि ममता यह सब साजिश के तहत कर रही हैं, ताकि बंगाल में दो दलीय व्यवस्था कायम हो. यही वजह है कि विरोधियों को डराकर या फिर लालच देकर वह खत्म करने की राजनीति कर रही हैं. बावजूद इसके कांग्रेस अपनी ताकत से आज भी खड़ी है. यही वजह है कि ममता बनर्जी भले ही बंगाल में कांग्रेस के प्रति आक्रमक तेवर रखें, लेकिन दिल्ली में कांग्रेस के पास ही उन्हें आना पड़ता है.
अधीर के मुताबिक आनेवाले समय में ममता को लोगों के सामने अपनी हरकतों का जवाब देना होगा. साथ ही यह भी बताना होगा कि 21 जुलाई को जो शहीद दिवस वह हर साल मनाती हैं उसके अपराधियों को सजा देने के लिए उन्होने अभी तक क्या किया. क्यों अभी तक गोलीकांड़ के जिम्मेवार पुलिस के अधिकारियों को अभी तक सजा नहीं मिली? उल्टे कुछ की पदोन्नति हुई तो कोई मंत्री बन गया. यह सब ममता की जानकारी मे ही हुआ है. आनेवाले समय में ममता को जवाब देना होगा.
भाजपा के प्रति नरम होने का आरोप : विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान के संबंध में कहा गया कि वह अस्वस्थ रहने के कारण सभा में उपस्थित नहीं हो सके. वहीं, अधीर विरोधी गुटों का दावा है कि एक ओर कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के साथ मुकाबला कर रही है, लेकिन अधीर रंजन चौधरी भाजपा को लेकर सभा में ज्यादा आक्रमक नजर नहीं आये. विरोधी गुटों का आरोप है कि जहां अखिल भारतीय स्तर पर कांग्रेस भाजपा की सांप्रदायिकता के खिलाफ लगातार लड़ाई कर रही है, लेकिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के रवैये से बंगाल में भाजपा के खिलाफ लड़ाई कमजोर होगी और इससे कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ेगा. सभा में वरिष्ठ कांग्रेस नेता आेमप्रकाश मिश्रा, विधायक नेपाल महतो, मनोज चक्रवर्ती, मोहित सेनगुप्ता, काजी अब्दल रहीम, अबु हसन खान चौधरी, सांसद मौसम नूर, प्रदेश कांग्रेस सचिव इसलाम खान, जकरिया खान, देवब्रत बसु आदि भी मौजूद थे.
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