देश के लोगों से चुनावी वादे पूरे करने में नाकाम होकर दोनों सत्ताधारी पार्टियों ने नफरत की राह थामी है. श्री मन्नान ने कहा कि जहां अच्छे दिन नहीं आये, वहीं राज्य की मुख्यमंत्री की तानाशाही मानसिकता वाले फैसले की वजह से पहाड़, जंगल, समतल, सभी जगह अशांति का माहौल है. चिटफंड, सारधा, नारदा जैसे घोटाले के साथ सत्ताधारी दल का कौन नेता नहीं शामिल है, यह कहना कठिन है. गरीबों के पैसे लूट कर कई नेता जेल गये हैं और कई जेल के आतंक में दिन गुजार रहे हैं.
जन आक्रोश से बचने के लिए केंद्र की सत्ताधारी पार्टी के रास्ते पर चलकर राज्य की सत्ताधारी पार्टी लोगों की नजर अन्यत्र फेरने के लिए षडयंत्र शुरू कर रही है. राज्य के धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक व शांतिप्रिय लोगों को एकजुट होकर नफरत की साजिश के खिलाफ खड़ा रहना होगा. बंगाल की संस्कृति की रक्षा करनी होगी.