अगर समय रहते हालात पर काबू पा लिया गया होता, तो लोगों के जान-माल का इतना नुकसान नहीं होता. स्थानीय तृणमूल विधायक की शह पर जिस तरह जेहादियों ने हंगामा मचाया, उससे साबित होता है कि यह सब पहले से तय था और उनको बस किसी मौके का इंतजार था, जो एक विवादास्पद पोस्ट से सामने आ गया. इन सब के बावजूद तृणमूल के स्थानीय विधायक और नेता जिस तरह से हिंसा में प्रभावित लोगों को डराने-धमकाने और पुलिस लेकर उनको गिरफ्तार करने में जुट गये, उससे हालात और बिगड़ गया. इन सब के खिलाफ कल भाजपा कॉलेज स्ट्रीट से धर्मतल्ला तक धिक्कार जुलूस निकालेगी. इसके बाद आगे के आंदोलन की रणनीति तय की जायेगी. उन्होंने कहा कि जिस तरह से बशीरहाट के लोगों ने संयम दिखाया और प्रशासन की नाकामयाबी के बावजूद संप्रदायिक एकता को बरकरार रखा, उसकी भाजपा सराहना करती है. वहां के लोगों का हौसला बढ़ाने के लिए पूर्व घोषणा के अनुसार जब भाजपा का प्रतिनिधिमंड़ल बशीरहाट जा रहा था, तो सांसद रूपा गांगुली, लाकेट चटर्जी और जयप्रकाश मजूमदार सरीखे नेताओं को पुलिस ने न सिर्फ रोका, बल्कि उनको गिरफ्तार भी किया. बाद में जब इन नेताओं को पुलिस ने रिहा किया, तो उनको मारने के लिए तृणमूल के नेता और कार्यकर्ता थाने में घुस आये थे. वे गालियां देते हुए भाजपा नेताओं को मारने पर आमदा थे.
उनके आगे पुलिस बेबस थी. श्री घोष ने कहा कि भाजपा तुरंत बशीरहाट समेत पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था का राज कायम करने और मृतक कार्तिक घोष के परिवारवालों को सरकारी नौकरी और 10 लाख रुपये देने की मांग कर रही है. कल के धिक्कार जुलूस में इसी मुद्दे पर आवाज बुलंद की जायेगी.