श्री गुरूंग ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को मिरिक के कार्यक्रम में बयान दिया कि उन्होंने बांग्ला भाषा को अनिवार्य किये जाने की बात नहीं कही है. वह झूठ बोल रही थीं. श्री गुरूंग ने कहा कि मुख्यमंत्री के बयान का वीडियो फुटेज उपलब्ध है, जिसमें वह सभी स्कूलों में बांग्ला की पढ़ाई अनिवार्य किये जाने की बात कह रही हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भरोसा दिलाने के लिए कैबिनेट में बांग्ला को अनिवार्य नहीं किये जाने और नेपाली भाषा के संरक्षण का प्रस्ताव पास करें. ममता बनर्जी कब क्या बोलती हैं और क्या काम करती हैं, इस पर किसी को भरोसा नहीं है.
श्री गुरूंग ने कहा कि अब भाषा आंदोलन के साथ साथ गोरखालैंड आंदोलन भी शुरू होगा. बुधवार को यहां के सरकारी महाविद्यालय के सामने से विरोध रैली शुरू होगी. यह रैली शहर की परिक्रमा करते हुए गोरखा रंगमंच भवन पहुंचेगी. बुधवार को ही शाम 6.30 बजे से शहर में मशाल जुलूस निकाला जायेगा.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जीटीए का विशेष आडिट कराने की बात कही है, इस बारे में पूछे जाने पर श्री गुरूंग ने कहा : जो करना चाहें कर लें, हमने कहां रोका है. उनका ही आदमी प्रधान सचिव के पद पर बैठा है. उन्होंने कहा कि जीटीए के साथ-साथ सारधा, नारदा की भी विशेष जांच करनी होगी, जिसमें तृणमूल के लोग लिप्त रहे हैं.
श्री गुरूंग ने कहा कि 10-12 दिनों के भीतर जीटीए के सभासदों ने इस्तीफा देने की जानकारी दी है. विरोध रैली के बाद आयोजित जनसभा को डीके प्रधान, तिलकचंद रोका, विशाल गुरूंग आदि ने भी संबोधित किया.