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पहाड़ में बांग्ला अनिवार्य नहीं एच्छिक भाषा : मुख्यमंत्री

सिलीगुड़ी. मिरिक नगरपालिका पर तृणमूल कांग्रेस के कब्जा जमाने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को विकास परियोजनाओं की बौछार कर दी. इसके साथ ही उन्होंने नाम लिये बगैर गोरखा जनमुक्ति मोरचा को भी सतर्क किया. उन्होंने कहा कि पहाड़ पर बांग्ला भाषा अनिवार्य नहीं बल्कि एच्छिक विषय है. कुछ लोग भाषायी विवाद को […]

सिलीगुड़ी. मिरिक नगरपालिका पर तृणमूल कांग्रेस के कब्जा जमाने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को विकास परियोजनाओं की बौछार कर दी. इसके साथ ही उन्होंने नाम लिये बगैर गोरखा जनमुक्ति मोरचा को भी सतर्क किया. उन्होंने कहा कि पहाड़ पर बांग्ला भाषा अनिवार्य नहीं बल्कि एच्छिक विषय है. कुछ लोग भाषायी विवाद को बढ़ावा देकर राजनीति कर रहे हैं. मिरिक में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उन्होंने नगरपालिका को करोड़ो रुपये आवंटित करने की घोषणा की.
मिरिक के एले मैदान में बने मंच पर चढ़ते ही मुख्यमंत्री ने कल्पतरू की तरह कई योजनाओं की घोषणा की. अपने संबोधन में उन्होंने मिरिक लेक की सफाई व साज-सज्जा के लिये 10 करोड़, मिरिक को लाइट से सुसज्जित करने के लिये 10 करोड़ रुपये देने की घोषणा की. सड़कों की मरम्मत के लिये भी उन्होंने 12 करोड़ रुपये आवंटित करने की घोषणा की. गोजमुमो पर हमला करते हुए सुश्री बनर्जी ने कहा कि एक महीने के बाद गोरखा क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) की मियाद पूरी हो रही है. जीटीए को पिछले पांच वर्षों में मिले धन का विशेष ऑडिट किया जायेगा. ममता ने कहा, ‘जीटीए राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में है. हम कभी भी जांच कर सकते हैं कि कितने धन का समुचित प्रयोग हुआ है और कितना गबन हुआ है.’ उन्होंने कहा: पहाड़ पर तृणमूल के प्रवेश से कुछ लोगों की जड़ें हिल गयी हैं. बांग्ला भाषा के खिलाफ मोरचा के आंदोलन को राजनीतिक बताते हुए ममता ने कहा कि पहाड़ पर बांग्ला भाषा को आवश्यक नहीं किया गया है बल्कि यह एच्छिक है.
कुछ लोग बांग्ला भाषा को जबरन थोपने का झूठा प्रचार कर पहाड़वासियों को बरगला रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि विद्यार्थी जितनी भाषाओं का ज्ञान रखेंगे उतना ही उनका विकास होगा. इसके अतिरिक्त बंगाल में रहकर बांग्ला भाषा का ज्ञान रखना भी आवश्यक है. मोरचा राज्य सरकार के साथ बराबर संपर्क नहीं रख रही है. सीएम ने मिरिक नगरपालिका में तृणमूल को विजयी बनाने के लिये मिरिक वासियों को धन्यवाद दिया. मंच पर राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव, मंत्री अरुप विश्वास व अन्य उपस्थित थे. इससे पहले पुतला फूंककर गोरखा जनमुक्ति मोरचा ने मिरिक में मुख्यमंत्री का विरोध जताया. सोमवार शाम को गोजमुमो के विरोध प्रदर्शन के बीच कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मिरिक पहुंचीं. सोमवार से मुख्यमंत्री का पांच दिवसीय पहाड़ दौरा शुरू हो गया है. जिला पुलिस प्रशासन ने मुख्यमंत्री के आस-पास विरोध प्रदर्शन ना हो इसके लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये हैं. जबकि मोरचा प्रमुख विमल गुरुंग ने पुलिस पर तानाशाही बरतने का आरोप लगाते हुए पूरे पहाड़ में जोरदार आंदोलन की धमकी दी है.
जानकारी के अनुसार, एक तरफ मुख्यमंत्री का काफिला मिरिक पहुंचा और दूसरी तरफ मोरचा ने कार्यक्रम स्थल से थोड़ी दूर पर ममता बनर्जी का पुतला फूंका. पहाड़ पर अन्य स्थानों से भी ममता के दौरे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन होने की खबर है. गोजमुमो ने जबरन बांग्ला भाषा पहाड़ पर थोपने का आरोप लगाते हुए यह आंदोलन शुरू किया है.

रविवार से शुरू मोरचा का यह आंदोलन मुख्यमंत्री दौरे के अंतिम दिन आठ जून तक जारी रहेगा. मुख्यमंत्री दौरे के एक दिन पहले से ही मोरचा ने आंदोलन की शुरुआत कर दी है. सभी विद्यालयों में बांग्लाभाषा की शिक्षा अनिवार्य करने के खिलाफ गोजमुमो का यह आंदोलन है. इतना ही नहीं ममता के दौरे के विरोध में मोरचा ने दो घंटे तक घरों की बिजली नहीं जलने दी. पूरा पहाड़ अंधकारमय रहा. अगले आठ जून तक हर शाम दो घंटे के लिये पहाड़ पर बिजली नहीं जला कर अंधेरे द्वारा विरोध जताया जायेगा.

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