गंगासागर से नम्रता पांडेय : कोरोना संक्रमण की वजह से इस वर्ष मकर संक्रांति के अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं ने नहीं, हजारों श्रद्धालुओं ने ही बृहस्पतिवार को गंगा और बंगाल की खाड़ी के संगम में स्नान किया. पुण्य स्नान करने के बाद श्रद्धालुओं ने यहां कपिल मुनि मंदिर में पूजा-अर्चना की.
अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान कोरोना को लेकर स्वास्थ्य संबंधी नियमों का कड़ाई से पालन किया जा रहा है. दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए तीर्थस्थल पर बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं एवं पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है.
देश के अलग-अलग हिस्सों से आये श्रद्धालुओं ने बेहद ठंड और धुंध के बीच अपने-अपने शिविरों से निकलकर संगम में स्नान किया. हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते इस बार गंगासागर आए श्रद्धालुओं की संख्या कम है.
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल स्नान का समय बृहस्पतिवार सुबह छह बजकर दो मिनट से शुक्रवार सुबह छह बजकर दो मिनट तक है. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने इस साल के गंगासागर मेले के लिए बुधवार को इजाजत दे दी.

हाइकोर्ट ने कोरोना महामारी के मद्देनजर भीड़ से बचने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार को श्रद्धालुओं के लिए ‘ई-स्नान’ का विकल्प देने का निर्देश दिया. राज्य स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक ने उच्च न्यायालय को भेजी रिपोर्ट में बताया कि नदी के बहते पानी या समुद्र के खारे पानी में स्नान करने में कोविड-19 के प्रसार का जोखिम बेहद कम रहता है.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि एहतियात बरती जाएगी और एक-दूसरे से सामाजिक दूरी का पालन करते हुए श्रद्धालुओं को स्नान की इजाजत होगी. ज्ञात हो कि हर साल मकर संक्रांति के दिन गंगासागर में मेला लगता है और पिछले साल तक यहां लाखों श्रद्धालु स्नान करते रहे हैं.
Posted By : Mithilesh Jha