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इसीएल करायेगी पर्यावरण का एक्सटर्नल ऑडिट

सांकतोड़िया : इस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (इसीएल) के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक (सीएमडी) के तकनीकी सचिव निलाद्री राय ने कहा कि कोयला कंपनियों को अब पर्यावरण से संबंधित एक्सटर्नल ऑडिट का सामना करना पड़ेगा. इसके लिये कोल इंडिया ने इंडियन काउन्सिल ऑफ फॉरेस्ट रिसर्च एंड एडुकेशन (देहरादून) के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर (एमओयू) किया है. […]

सांकतोड़िया : इस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (इसीएल) के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक (सीएमडी) के तकनीकी सचिव निलाद्री राय ने कहा कि कोयला कंपनियों को अब पर्यावरण से संबंधित एक्सटर्नल ऑडिट का सामना करना पड़ेगा. इसके लिये कोल इंडिया ने इंडियन काउन्सिल ऑफ फॉरेस्ट रिसर्च एंड एडुकेशन (देहरादून) के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर (एमओयू) किया है.
श्री राय ने कहा कि पहले इंटरनल ऑडिट होता था. परंतु कोल इंडिया के सेबी में सूचीबद्ध है जिसके कारण एक्सटर्नल ऑडिट अनिवार्य हो गया है. एक्सटर्नल ऑडिट पर्यावरण मंत्रलय के तहत किया जायेगा. अब तक कोल इंडिया एवं अनुषंगी कंपनियों में एक्सटर्नल ऑडिट नहीं होता था.
उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को कोल इंडिया में बैठक होगी, उस समय तय किया जायेगा कि कहां ऑडिट के लिये जाना है? इसीएल के तीन कोलियरियों को चयन किया है. सोनपुर बाजारी एवं राजमहल परियोजना में टीम आयेगी और ऑडिट के पूर्व की प्रक्रिया से अवगत करायेगी. इसके बाद झांझरा प्रोजेक्ट की प्रक्रिया होगी. ऑडिट तीन स्तरों पर पर्यावरण के वित्तीय पहलू परफॉरमेंस व परियोजनाओं की पर्यावरण स्वीकृति के आधार पर किया जायेगा.
उन्होंने कहा कि ऑडिट के पूर्व कोयला कंपनियों को उक्त संस्था की ओर से प्रशिक्षण दिया जायेगा कि पर्यावरण की रक्षा के लिए होनेवाली पहल की जानकारी दी जायेगी. वैसे भी कोयला कंपनियों में पर्यावरण की समस्या भूमिगत खदानों की अपेक्षा खुली खदानों में सबसे ज्यादा है. इसलिये खनन करने के लिये पर्यावरण मंजूरी जरूरी है. इधर पर्यावरण विभाग के महाप्रबंधक जेएन विश्वाल का कहना है कि कोल बेल्ट इलाके में पर्यावरण की समस्या ज्यादा गहरा रही है. खासकर खुली खदानों से जो धूल उड़ रहे है.
उससे ज्यादा पर्यावरण दूषित हो रहा है. पर्यावरण को दूषित होने से मंत्रलय काफी गंभीर है इस समस्या को किस प्रकार खत्म किया जाय या फिर कम किया जाय इस पर चर्चा की जा रही है. अगर पर्यावरण स्वच्छ रहेगा. तो प्रत्येक मानव जीव जंतु स्वस्थ रहेंगे.

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