खंडघोष थाना इलाके में तृणमूल के गुटीय संघर्ष में कमरूल की मौत
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तृणमूल कर्मी की हत्या के खिलाफ सड़क जाम
खंडघोष थाना इलाके में तृणमूल के गुटीय संघर्ष में कमरूल की मौत विधानसभा चुनाव में भी की गई थी माकपा के दो कर्मियों की हत्या बर्दवान : पूर्व बर्दवान जिले के खंडघोष थाना इलाके में चुनाव के दौरान गुटीय संघर्ष में शेख कमरूल (52) की हत्या के खिलाफ स्थानीय ग्रामीणों ने बर्दवान-बांकुडा सड़क जाम किया. […]
विधानसभा चुनाव में भी की गई थी माकपा के दो कर्मियों की हत्या
बर्दवान : पूर्व बर्दवान जिले के खंडघोष थाना इलाके में चुनाव के दौरान गुटीय संघर्ष में शेख कमरूल (52) की हत्या के खिलाफ स्थानीय ग्रामीणों ने बर्दवान-बांकुडा सड़क जाम किया. तृणमूल नेताओं ने आरोप लगाया कि आंदोलन के पीछे माकपा सक्रिय थी, जबकि माकपा नेताओं ने इसे आम जनता का स्वाभाविक आक्रोश बताया.
विष्णुपुर संसदीय क्षेत्र अंतर्गत खंडघोष थाना के अलीपुर में पांच दिन पहले गुटीय संघर्ष में तृणमूल के सक्रिय समर्थक शेख कमरुल (52) की मौत हो गई थी. उसकी पत्नी लुतफान्नेसा बीबी ने कहा कि तृणमूल के गुटीय संघर्ष में ही उसके शौहर की हत्या की गई है. सनद रहे कि इसके पहले वर्ष 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में भी खंडघोष थाना अंतर्गत लोदना गांव के गायनपाड़ा में बने 107 नंबर बूथ के माकपा पोलिंग एजेंट फजल हक और 108 नंबर बूथ के पोलिंग एजेंट बिजय डाल के पिता दुखीराम डाले को हत्या कर दी गई थी. उस समय भी हत्या का आरोप तृणमूल पर ही लगा था.
स्थानीय निवासी शेख मुश्ताक ने कहा कि चुनाव आयोग मतदान करने तथा मतदान में सुरक्षा देने का दावा करता है. लेकिन पूरी सुरक्षा नहीं मिल पाती है. मतदान से सात दिन पहले से ही इलाके में पारा मिलिट्री फोर्स ने रुट मार्च शुरु किया था. चुनाव में सुरक्षा की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की है. चुनाव आयोग मुआवजा का भुगतान करें.
बर्दवान जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष सह माकपा नेता उदय सरकार ने बताया कि पिछले विधानसभा चुनाव में उनके दो कर्मियों की हत्या की गई थी. फिर इस बार हत्या की गई. पूरी सुरक्षा न रहने के कारण ही इस थाना क्षेत्र में लगातार राजनीतिक हत्याएं होती हैं.
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