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मध्यस्थता करने आये उप परीक्षा नियंत्रक के साथ ऐसा व्यवहार, घंटों बनाया बंधक
आसनसोल : एडमिट कार्ड निर्गत किये जाने की मांग पर दुर्गापुर गवर्मेंट कॉलेज की सेकेंड सेमेस्टर की छात्रा रूंपा सरकार के नेतृत्व में सेकेंड सेमेस्टर के दर्जनों छात्र-छात्राओं ने शनिवार की संध्या से काजी नजरूल यूनिवर्सिटी के मुख्य प्रवेश द्वार के समक्ष धरना प्रदर्शन किया. उन्होंने मध्यस्थता करने आये उप परीक्षा नियंत्रक डॉ निखिलेश बारिक […]
आसनसोल : एडमिट कार्ड निर्गत किये जाने की मांग पर दुर्गापुर गवर्मेंट कॉलेज की सेकेंड सेमेस्टर की छात्रा रूंपा सरकार के नेतृत्व में सेकेंड सेमेस्टर के दर्जनों छात्र-छात्राओं ने शनिवार की संध्या से काजी नजरूल यूनिवर्सिटी के मुख्य प्रवेश द्वार के समक्ष धरना प्रदर्शन किया.
उन्होंने मध्यस्थता करने आये उप परीक्षा नियंत्रक डॉ निखिलेश बारिक को बंधक बना लिया तथा यूनिवर्सिटी का मुख्य गेट बंद कर दिया. आखिरकार सुबह साढ़े तीन बजे उसे एडमिट कार्ड जारी किया गया. इसके बाद आंदोलन समाप्त हुआ.
सेकेंड सेमेस्टर की छात्रा रूंपा ने कहा कि सोमवार से उसके सेकेंड सेमेस्टर की परीक्षा आरंभ होनी है. परंतु अभी तक एडमिट कार्ड जारी न हो पाने के कारण वह सोमवार की परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेगी. जिससे उसका एक साल नष्ट हो जायेगा. उन्होंने कहा कि वह पिछले कई दिनों से कॉलेज के प्रिंसिपल और यूनिवर्सिटी में लगातार आ रही है. परंतु उसे किसी प्रकार का सहयोग नहीं मिल पा रहा है. रूंपा ने एडमिट कार्ड न मिलने पर आत्महत्या की धमकी दी. शनिवार को यूनिवर्सिटी में किसी अधिकारी को न पाकर छात्रा ने यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ साधन चक्रवर्ती को फोन पर इसकी सूचना दी और एडमिट कार्ड न मिलने तक यूनिवर्सिटी में धरना जारी रखने की बात कही.
सूचना पाकर उप परीक्षा नियंत्रक डॉ निखिलेश बारीक रात को ही यूनिवर्सिटी पहुंचे और स्टूडेंटस को समझाने का प्रयास किया परंतु स्टूडेंटस उनकी बात मानने को तैयार नहीं हुए और एडमिट कार्ड देने की मांग पर अड़े रहे. एडमिट कार्ड न मिलता देख प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राओं ने उप परीक्षा नियंत्रक डॉ बारीक को बंधक बना लिया और यूनिवर्सिटी के गेट का मुख्य दरवाजा बंद कर दिया. अंतत सुबह 3.30 बजे डॉ बारीक ने रूंपा को एडमिट कार्ड जारी किया जिसके बाद सभी स्टूडेंटस यूनिवर्सिटी से दुर्गापुर के लिए रवाना हुए.
केएनयू के परीक्षा नियंत्रक सलिल कुमार दास ने कहा कि कुलपति डॉ चकवर्ती के निर्देशानुसार रूंपा सरकार के मामले को स्पेशल केस के रूप में मानते हुए मानवीय कारणों से उसे सोमवार से आरंभ होने वाले सेकेंड सेमेस्टर की परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी गयी है. उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि यूनिवर्सिटी प्रबंधन के लिए इस तरह का यह पहला और अंतिम मामला है. भविष्य में आगे से इस तरह के किसी मामले को तरजीह नहीं दी जायेगी. उन्होंने कहा कि दुर्गापुर वूमेंस कॉलेज से मिले ब्योरे के अनुसार वह प्रथम सेमेस्टर के परीक्षा में बैठ नहीं पायी थी.
इसलिए दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा के लिए ऑनलाईन आवेदन करने के दौरान मानकों को पूरा न कर पाने के कारण तकनीकी कारणों से उसका एडमिट कार्ड निर्गत नहीं हो पा रहा था. उन्होंने कहा कि छात्रा के एडमिट कार्ड जारी न होने के लिए यूनिवर्सिटी प्रबंधन किसी प्रकार से जिम्मेवार नहीं है. उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी में दाखिले से लेकर पंजियन और परीक्षा से लेकर परीक्षा परिणाम प्रकाशित होने तक की सारी प्रक्रियाएं ऑनलाईन हो चुकी हैं. किसी प्रक्रिया में किसी अधिकारी का कोइ नियंत्रण या दखल नहीं है. मानकों को पूरा न करने पर आवेदन के दौरान ऑनलाईन पद्धति स्वत: ही आवेदन प्रक्रिया को निरस्त कर देता है.
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