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जिलाशासक ने दिया सर्टिफिकेट जांच का आदेश

चित्तरंजन कस्तूरबा गांधी विद्यालय (एचएस) में कार्यरत शिक्षक का मामला एक ही समय में स्नातक तथा स्नातकोत्तर की पढ़ाई करने की हुई है शिकायत रूपनारायणपुर : जिलाशासक शंशाक सेठी ने चित्तरंजन कस्तूरबा गांधी विद्यालय (एचएस) में कार्यरत शिक्षक अजय कुमार पंडित के शैक्षणिक सर्टिफिकेट की जांच के आदेश दिये हैं. इस संबंध में स्कूल के […]

चित्तरंजन कस्तूरबा गांधी विद्यालय (एचएस) में कार्यरत शिक्षक का मामला
एक ही समय में स्नातक तथा स्नातकोत्तर की पढ़ाई करने की हुई है शिकायत
रूपनारायणपुर : जिलाशासक शंशाक सेठी ने चित्तरंजन कस्तूरबा गांधी विद्यालय (एचएस) में कार्यरत शिक्षक अजय कुमार पंडित के शैक्षणिक सर्टिफिकेट की जांच के आदेश दिये हैं. इस संबंध में स्कूल के निलंबित प्रधानाध्यापक लड्डन खान ने उनसे सर्टिफिकेट फर्जी होने की शिकायत की थी. उन्होंने इस मामले में आरोपी शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
क्या है मामला: आरोपी शिक्षक श्री पंडित ने 11 फरवरी, 2003 को सहायक शिक्षक के पद पर स्कूल में योगदान किया. पांच सितंबर को पोस्ट ग्रेजुएट पे स्केल पर वेतन की मंजूरी एडीआइ(एसइ) ने स्कूल सचिव को भेजी.
सेवाकाल के दौरान श्री पंडित स्कूल के शिक्षक प्रभारी भी रहे है. स्थायी प्रधानाध्यापक बने लड्डन खान ने कार्य के दौरान कुछ शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाणपत्न को फर्जी पाया. उन्होंने उनके खिलाफ कार्रवाई भी शुरू की. इसी बीच गंभीर मामले में श्री खान को निलंबित कर दिया गया. यह मामला अदालत में विचाराधीन है. सूचना के अधिकार (आरटीआइ) के माध्यम से मिली जानकारी से उन्हें श्री पंडित के शैक्षणिक प्रमाणपत्नों में गड़बड़ी मिली.जिसकी शिकायत उन्होंने जिलाशासक से की है.
क्या कहते हैं आरटीआइ के तथ्य: शिकायत में कहा गया है कि श्री पंडित ने वर्ष 1986 में चित्तरंजन देशबंधु बालक विद्यालय से माध्यमिक की पढ़ाई पूरी की. उन्होंने विनोवा भावे विश्वविद्यालय से स्नातक की शिक्षा हासिल की है.
विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक के अनुसार श्री पंडित तीन साल के ऑनर्स डिग्री कोर्स में दाखिल हुए. इसकी परीक्षा 1992 में होनी थी. लेकिन परीक्षा 1994 में हुयी तथा रिजल्ट छह मई, 1994 को प्रकाशित हुआ. श्री पंडित द्वितीय श्रेणी में सफल हुए. श्री पंडित ने स्नातकोत्तर का सर्टिफिकेट तिलका माजी विश्वविद्यालय (भागलपुर) का दिया है. यहां के कुलसचिव ने आरटीआई के जवाब में कहा है कि श्री पंडित ने वर्ष 1994 में भूगोल विषय में एमए की परीक्षा में कुल आठ सौ अंकों में 495 अंक प्राप्त कर प्रथम श्रेणी से उतीर्ण हुये हैं.
उठते सवाल पर जांच मांगी: श्री खान ने कहा है कि एक ही छात्न दो अलग अलग विश्वद्यालय एक ही समय में ग्रेजुएट और एमए की पढ़ाई कैसे पूरी कर रहा था?
श्री पंडित ने मास्टर डिग्री का प्रमाणपत्न नौकरी में योगदान करने के छह माह बाद जमा किया. जिसके उपरांत पांच सितंबर 2003 से उन्हें पोस्ट ग्रेजुएट का पे स्केल लागू करने का नये सिरे से आदेश जारी हुआ था. जिलाशासक श्री सेठी ने विभागीय स्तर पर शिकायत की जांच करने के आदेश दिये हैं. उन्होंने कहा कि दोषी पाये जाने पर उचित कार्रवाई होगी. शिक्षक श्री पंडित ने इस मुद्दे पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया. उन्हें एसएमएस भेज कर उनका पक्ष मांगा गया. लेकिन उनका पक्ष नहीं मिल सका है.

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