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खोट्टाडीह कोलियरी में थिक सिम में लगी आग पर पाया नियंत्रण
गुड न्यूज. सिंफर के वैज्ञानिकों की टीम ने सीएफडी तकनीक को सफलतापूर्वक दिया अंजाम खोट्टाडीह खदान में लगी भूमिगत आग को बुझाने के लिए इसीएल प्रबंधन ने धनबाद की विज्ञानी संस्था सिंफर से अनुबंध किया था. संस्था ने आग को नियंत्रित करने में नयी तकनीक का सफल उपयोग किया है. यह तकनीक देश की अन्य […]
गुड न्यूज. सिंफर के वैज्ञानिकों की टीम ने सीएफडी तकनीक को सफलतापूर्वक दिया अंजाम
खोट्टाडीह खदान में लगी भूमिगत आग को बुझाने के लिए इसीएल प्रबंधन ने धनबाद की विज्ञानी संस्था सिंफर से अनुबंध किया था. संस्था ने आग को नियंत्रित करने में नयी तकनीक का सफल उपयोग किया है. यह तकनीक देश की अन्य खदानों के लिए भी काफी उपयोगी हो सकती है.
आसनसोल : केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान (सिंफर) के वैज्ञानिकों ने इस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (इसीएल) की खोट्टाडीह कोलियरी की भूमिगत खदान में वर्षों से लगी आग पर काबू पाने में सफलता पा ली है. इससे कोलियरी के थिक सीम में फंसे करोड़ों रुपये मूल्य के कोयले के खनन का रास्ता साफ हो गया है.
कैसे पाया आग पर काबू: इसीएल के पांडेश्वर क्षेत्र की खोट्टाडीह ओसीपी के थिक सीम में वर्षो से आग लगी हुई थी. इसके चलते करोड़ों रुपये मूल्य के कोयले का खनन नहीं हो पा रहा था. इसीएल प्रबंधन ने इस आग पर काबू पाने के लिए सिंफर से सहयोग मांगा था.
सिंफर के निदेशक डॉ पीके सिंह के निर्देश पर संस्थान के खान वायु संचार विभाग (माइंस वेंटिलेशन डिपार्टमेंट) की टीम खोट्टाडीह कोलियरी पहुंची. जुलाई, 2016 में सिंफर माइंस वेंटिलेशन डिपार्टमेंट के मुख्य वैज्ञानिक डॉ एन सहाय के नेतृत्व में टीम ने खोट्टाडीह कोलियरी में कार्य शुरू किया. टीम में विभाग के डॉ पीके मंडल, एपी सिंह, डॉ एसके राय, डॉ एनके मोहालिक, देवाशीष मिश्र, हर्षित अग्रवाल, जी मंडल आदि शामिल थे. टीम ने पहले वहां कोयले का नमूना लेकर ज्वलनशील तापमान का अध्ययन किया. इसके बाद सीएफडी तकनीक से कोयले की ज्वलनशीलता में कमी लाने का प्रयास किया. यह तकनीक सफल रही. खोट्टाडीह के आर सिक्स सिम से अब कोयले का खनन शुरू हो गया है.
तीन कंपनियों के थिक सिम में फंसा है कोयला
कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनियां यथा – इसीएल, डब्ल्यूसीएल तथा सिंगरैनी कोल कंपनी लिमिटेड में थिक सिम में कोयला फंसा हुआ है. इस तकनीक का उपयोग कर दूसरे खदानों में कोयल खनन हो सकता है.
इसीएल प्रबंधन ने की सराहना: इसीएल पांडेश्वर एरिया के महाप्रबंधक पीआर मित्तल ने सिंफर के निदेशक को पत्र भेज कर थिक सिम में लगी आग को सफलतापूर्वक बुझाने तथा कोयला खनन को सरल बनाने के लिए धन्यवाद दिया है. पत्र में इस कार्य में लगी पूरी टीम को बधाई दी गयी है. उन्होंने कहा कि इस तकनीक की सफलता से देश को काफी लाभ होगा.
वैज्ञानिकों का काम सराहनीय: सिंफर के निदेशक डॉ पीके सिंह ने कहा कि सिंफर के वैज्ञानिकों ने इसीएल के खोट्टाडीह कोलियरी में बहुत सराहनीय कार्य किया है. सीएफडी तकनीक नयी तकनीक है. इस तकनीक से कोयला के जलने से रोका जा सकता है. संस्थान के वैज्ञानिक नित्य नयी चुनौतियों से निपटने में कामयाबी पा रहे हैं.
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