कोलकाता. कालीघाट इलाके के काली टेंपल रोड में रहनेवाले व्यापारी नरेंद्र जैन (52) व उनकी पत्नी सरला जैन (48) के घर में घुसकर दो बदमाशों द्वारा उनपर जानलेवा हमला करने के प्रमुख आरोपी दीपक सिंह को नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन में आरपीएफ की टीम ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया. वह पूर्वा एक्सप्रेस से दिल्ली भाग गया था. इधर, इस मामले की जांच करने के दौरान कालीघाट थाने की टीम को इसकी जानकारी मिली जिसके बाद कोलकाता पुलिस के सुराग पर उसे दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया.
इस मामले में कोलकाता पुलिस के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (5) व संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) विशाल गर्ग ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी को अपने कब्जे में लेने के लिए कालीघाट थाने की एक टीम दिल्ली रवाना हुई है. मंगलवार को स्थानीय अदालत में उसे पेश कर अदालत से ट्रांजिट रिमांड पर उसे कोलकाता लाने की तैयारी होगी. उसने ऐसा क्यों किया, अपने हिरासत में लेने के बाद उससे इस बारे में पूछताछ होगी.
क्या था मामला : कालीघाट इलाके के कैली टेंपल रोड में रहनेवाले व्यापारी नरेंद्र जैन व उनकी पत्नी सरला जैन के घर में घुसकर शनिवार की रात को बदमाशों ने दोनों पर चाकू से जानलेवा हमला किया था. घर में उनकी बेटी उदिता जैन भी थी. वह बदमाशों की छेड़खानी का शिकार हुई थी और घायल भी हो गयी थी. उसी ने कालीघाट थाने को पूरे मामले की जानकारी दी थी. इसके बाद जख्मी दंपती को एक गैर सरकारी अस्पताल में ले जाया गया था जहां पुलिस उन दोनों का बयान लेने की कोशिश कर रही है.
घटना के एक दिन बाद एक आरोपी का मिला शव : पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस घटना के एक दिन बाद हमलावरों में रोशन लाल बड़रिया (38) नामक एक आरोपी का शव हावड़ा के एक लॉज में पाया गया. उसकी रहस्यमय मौत के बाद स्थानीय पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर मामले की जांच में जुट गयी थी. जांच में हावड़ा पुलिस को भी पता चला कि घटना के दिन रोशन व दीपक दोनों साथ में थे. इसके बाद दोनों हावड़ा में आये थे. जिस लॉज से रोशन का शव बरामद हुआ, उस लॉज में दीपक भी उसके साथ था. घटना के बाद वह फरार क्यों हुआ, इस बारे में पूछताछ होगी.
क्यों दिया वारदात को अंजाम : प्राथमिक जांच में पता चला कि दीपक सिंह क्रिकेट बेटिंग के धंधे से जुड़ा था. हाल ही में उन्हें बेटिंग से काफी ज्यादा फायदा हुआ था. काफी पहले से दोनों नरेंद्र जैन को जानते थे. नरेंद्र जैन को रेस कोर्स में में बेटिंग लगाने का काफी शौक था. लिहाजा बेटिंग के रुपये को रेस में लगाकर और भी ज्यादा रुपये बनाने के लिए दोनों ने नरेंद्र जैन को रुपये दिये थे. ये रुपये नरेंद्र जैन से दोनों को वापस नहीं मिल रहे थे. पुलिस को शक है कि रुपये वापस नहीं मिलने के कारण ही गुस्से में आकर दोनों आरोपियों ने हमले की योजना बनायी होगी. घटना के हर पहलु की जांच पुलिस कर रही है.