सिलीगुड़ी: न्यू जलपाईगुड़ी से किशनगंज जा रही गरीब नवाज एक्सप्रेस (15175 डाउन) में गुरुवार की देर रात एक नाबालिग से दुष्कर्म करने के आरोप में कोच के अटेंडेंट को गिरफ्तार किया गया है. रेप करने के बाद आरोपी ने नाबालिग को चलती ट्रेन से फेंकना चाहा. पर किशोरी गेट पर ही किसी तरह लटक गयी.
मागुरजान स्टेशन के पास स्टेशन मास्टर की नजर ट्रेन से लटक रही किशोरी पर पड़ी और उन्होंने इसकी सूचना अलुआबाड़ी स्टेशन मास्टर को दी. अलुआबाड़ी स्टेशन पर ट्रेन रोक कर किशोरी को नीचे उतारा गया. उसकी शिकायत पर दुष्कर्म के आरोपी कोच अटेंडेंट को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
ट्रेन का कर रही थी इंतजार
पीड़िता द्वारा जीआरपी को दिये बयान के अनुसार वह और उसकी मां गुरुवार की रात एनजेपी स्टेशन पर पांजीपाड़ा जाने के लिए खड़ी थी. उसी दौरान गरीब नवाज एक्सप्रेस एनजेपी यार्ड से निकल कर धीरे-धीरे किशनगंज की ओर से जा रही थी. यह ट्रेन किशनगंज से अजमेर शरीफ तक जाती है. एनजेपी यार्ड में सफाई के लिए आती है. किशोरी एक्सप्रेस के एसी बोगी के निकट अपनी मां के साथ जाकर खड़ी हो गयी. उसने कोच अटेंडेंट विशेश्वर दास, पिता परमेश्वर दास (दिनहाटा कूच बिहार निवासी) से किशनगंज ले चलने का आग्रह किया, लेकिन विशेश्वर ने उसे ङिाड़क दिया.
बाद में उसने किशोरी को बोगी के अंदर खींच लिया और उसके साथ बाथरूम में ले जाकर रेप किया. उसके बाद पीड़िता को मागुरजान रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन से फेंकना चाहा. मागुरजान के स्टेशन मास्टर ने इस घटना को देखा और इसकी जानकारी आलुआबाड़ी स्टेशन के अधिकारियों को दी. वहां पर ट्रेन को रोक कर पीड़िता को ट्रेन से उतार कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया.
पीड़िता की हुई मेडिकल जांच
दोनों को एनजेपी जीआरपी को सौंप दिया गया. पीड़िता सिलीगुड़ी झनकार मोड की रहनेवाली है. इस घटना के संबंध में सिलीगुड़ी जीआरपी के एसपी उज्जवल कुमार भौमिक ने बताया कि रेप के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. पीड़िता को मेडिकल जांच के लिए भेज दिया गया है.
मंत्री ने की घटना की निंदा
उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव ने कहा कि इस घटना की जितनी भी निंदा की जाये, कम है. यह बहुत ही गलत हुआ है. रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा है. उन्होंने कहा कि जीआरपी को सही तरह से जांच करने को कहा गया है. साथ ही आरोपी को सख्त से सख्त सजा दिलाने की मांग की गयी है.
बीरभूम दुष्कर्म कांड पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा राज्य सरकार उठाये और प्रभावी कदम
नयी दिल्ली: बीरभूम सामूहिक दुष्कर्म कांड में और अधिक ‘प्रभावी’ कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर देते हुए उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल सरकार को इस मामले से संबंधित प्राथमिकी, फॉरेंसिक रिपोर्ट और पुलिस द्वारा दर्ज बयानों की प्रतियां पेश करने का निर्देश दिया. प्रधान न्यायाधीश पी सदाशिवम की अध्यक्षतावाली खंडपीठ ने इस मामले में पुलिस कार्रवाई के बारे में राज्य के मुख्य सचिव की रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद कहा : सरकार ने प्रभावी कदम उठाये हैं, लेकिन हम और अधिक चाहते हैं. इस घटना में जिले में 13 ग्रामीणों ने आदिवासी युवा महिला से सामूहिक दुष्कर्म किया था.
न्यायालय ने राज्य सरकार को तीन मार्च तक इस मामले से संबंधित सारे दस्तावेज पेश करने का निर्देश दिया. सामूहिक दुष्कर्म की इस घटना से संबंधित मामले में न्यायालय अब तीन मार्च को आगे सुनवाई करेगा.
शीर्ष अदालत ने 20 वर्षीय महिला से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में 31 जनवरी को पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को पुलिस कार्रवाई के बारे में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था. आरोप है कि समाज से बाहर दूसरे समुदाय के युवक से प्रेम करने की सजा के रूप में इस महिला से सामूहिक दुष्कर्म करने का कथित रूप से आदेश दिया गया था.
न्यायालय ने समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर के आधार पर इस घटना का 24 जनवरी को स्वत: ही संज्ञान लेते हुए जिला न्यायाधीश को घटनास्थल का दौरा करके रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था.
सामूहिक दुष्कर्म की शिकार इस युवती और उसके प्रेमी को पकड़ कर पेड़ से बांधने के बाद उन पर हमला किया गया था. इससे पहले उन्हें 50 हजार रुपये का जुर्माना अदा करने का निर्देश दिया गया था. महिला द्वारा जुर्माने की राशि का भुगतान करने में असमर्थता व्यक्त करने पर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया. पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों ने पुलिस में दर्ज करायी शिकायत में कहा था कि उसका यौन शोषण करनेवालों में उसके पिता की उम्र के लोग शामिल थे. इस मामले में गांव के प्रमुख (स्थानीय भाषा में उसे मोरोल कहते हैं) सहित सभी आरोपी गिरफ्तार किये जा चुके हैं. दुष्कर्म की यह घटना कथित रूप से मोरोल के घर में ही हुई थी.
रेप के आरोपी पर फिर लगा दुष्कर्म का आरोप
कोलकाता: आरोप साबित नहीं होने के बाद जेल से रिहा हुए दुष्कर्म के आरोपी पर फिर से उसी पीड़िता के साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगा है. आरोपी का नाम शेख शहजादा बख्श (33) है. वह करया इलाके के पाम एवेन्यू का रहनेवाला है. घटना के बाद पीड़िता किशोरी ने करया थाने में आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. पीड़िता ने पुलिस को बताया कि गुरुवार रात 9.15 के करीब वह घर लौट रही थी, उसी समय सड़क पर शहजादा उसे देख कर अपशब्द कहने लगा. इसका विरोध करने पर वह उसके साथ मारपीट करने लगा. इससे पीड़िता के शरीर पर कई जगह जख्म हो गये. इस दौरान आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म करने की कोशिश की. किसी तरह आसपास के लोगों की मदद से पीड़िता वहां से भाग निकली और थाने पहुंच कर सारी घटना पुलिस को बतायी.
इसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया. लोगों के मुताबिक इलाके में वह प्रमोटरी का काम भी करता है, इसके कारण अक्सर रंगदारी दिखाते हुए अक्सर लोगों को धमकाना, महिलाओं से र्दुव्यवहार करना और उसके साथ मारपीट करना उसकी आदत है. उसके जुल्म से तंग आकर न्याय की आस में करया थाने के सामने शेख अमीनुल नामक एक युवक ने खुद को आग लगाकर जान दे दी थी.
मामले पर संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) पल्लव कांति घोष ने बताया कि इसके पहले वर्ष 2012 में अदालत में उसी किशोरी से दुष्कर्म करने के मामले में उसे गिरफ्तार कर पेश किया गया था. हालांकि आरोप साबित नहीं होने के कारण उसे कुछ महीने बाद जेल से रिहा कर दिया गया था. बीते 13 फरवरी फिर उसी पीड़िता की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया गया. अदालत में पेश करने पर उसे 17 फरवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.