कोलकाता: लोकसभा चुनाव से पहले संगठन को चुस्त-दुरुस्त करने और अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने के लिए रविवार को वाम मोरचा ब्रिगेड परेड मैदान में सभा करेगा. सभा को कामयाब बनाने के लिए वाम पार्टियां काफी दिनों से राज्य भर में मेहनत कर रही हैं.
वाम मोरचा का लक्ष्य ब्रिगेड को समर्थकों से भर देना है. मोरचा के चेयरमैन बिमान बसु ने भी दावा किया है कि रविवार को ब्रिगेड पूरी तरह भर जायेगा. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सभी 19 जिला नेतृत्व की महत्वपूर्ण भूमिका होगी.
उन्होंने आरोप लगाया कि ब्रिगेड सभा को नाकाम बनाने के लिए तृणमूल कांग्रेस साजिश कर रही है. लोगों को डराया-धमकाया जा रहा है. विपक्ष के नेता सूर्यकांत मिश्र ने भी यही आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि लोगों को सभा में शामिल होने से रोकने के लिए बाधा डालने की कोशिश की जा सकती है. अगर ऐसा होता है, तो प्रशासन को कदम उठाना पड़ेगा.
प्रशासन सहयोग करे: सूर्यकांत
सूर्यकांत मिश्र ने प्रशासन से सभी तरह के सहयोग की मांग की है. सूत्रों के मुताबिक, हाल में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा की रैली में उमड़ी भीड़ के मद्देनजर वाम मोरचा रविवार की अपनी ब्रिगेड रैली के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहता. वाम पार्टियों के सामने सभा में लोगों को जुटाने की कड़ी चुनौती होगी. शक्ति प्रदर्शन के इस खेल में वाम मोरचा के सामने इन दोनों दलों से अधिक लोगों को ब्रिगेड में जुटाने की चुनौती होगी. सभा में शामिल होने के लिए शनिवार से ही लोगों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है. जिलों से आये लोगों को रात में ठहराने के लिए वाम मोरचा ने सॉल्टलेक
स्टेडियम को किराये पर लेना चाहा था, लेकिन खेल विभाग ने इसकी इजाजत नहीं दी. श्री बोस ने आरोप लगाया कि 30 जनवरी की सभा में आये लोगों को रखने के लिए सरकार ने तृणमलू कांग्रेस को सॉल्टलेक स्टेडियम किराये पर दिया था, पर हमें इनकार कर दिया गया.
किसने क्या कहा
सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस का दावा है कि राज्य में लोकतंत्र है. पर, यह कुछ और नहीं बल्कि उसकी तानाशाही है. यदि लोकतंत्र होता तो हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों पर ब्रिगेड जाते वक्त हमला नहीं हो रहा होता.
बिमान बसु, चेयरमैन, वाम मोरचा
वाम मोरचा के अध्यक्ष अपनी रैली में कम भीड़ जुटने की आशंका के चलते शोर मचा रहे हैं. मैं नहीं जानता कि वाम मोरचे की ब्रिगेड रैली में कल कितने लोग पहुंचेंगे. बंगाल के लोगों ने वाम मोरचे के 35 साल के शासन काल में लोकतंत्र नहीं होने के चलते उसे खारिज कर दिया. पर, हमने लोकतंत्र बहाल किया.
-मुकुल राय, महासचिव, तृणमूल कांग्रेस