आसनसोल: मिनी बसों के पार्ट्स, टायर व डीजल की कीमत में लगातार हो रही अप्रत्याशित वृद्धि तथा यात्री भाड़े में अपेक्षित वृद्धि नहीं होने से आसनसोल महकमा में मिनी बसों का परिचालन सिमटता जा रहा है. दो वर्षो में 20 फीसदी मिनी बसें सड़क से गायब हो गयी हैं.
सिमटती जा रही संख्या
आसनसोल मिनी बस एसोसिएशन के संयुक्त सचिव विकास चट्टाराज ने बताया कि आसनसोल व रानीगंज स्टैंड से 50 से भी अधिक रूटों के लिए मिनी बसें चलती है. वर्ष 2011 में मिनी बसों की संख्या 450 थी. इनकी संख्या घट कर 380 पहुंच गयी है. आसनसोल चित्तरंजन भाया सामडीह, बाइपास और आसनसोल चित्तरंजन भाया नियामतपुर रूट में चलने वाली 40 मिनी बस की संख्या 15 तक सिमट गयी है. इस रूट की सड़क काफी जजर्र है. वार्ता से लेकर आंदोलन तक हुआ. लेकिन सड़क मरम्मत नहीं हुई.
दो- तीन ट्रिप के बाद बस खराब हो जाती है. आसनसोल हरिपुर भाया कल्ला, दोमुहानी और आसनसोल हरिपुर भाया चांदा, जामुड़िया रूट की 25 मिनी बसों में 13 बंद पड़ी है. आसनसोल कुआरडीह भाया चांदा, रोटीबाटी रूट की पांच मिनी बसों में दो मिनी बस ही चल रही है. उन्होंने कहा कि परिसेवा काफी नुकसान में है. स्थानीय प्रशासन, आरटीओ व नेताओं से मदद की गुहार लगायी गयी है. इसकी रूटों पर छोटे वाहनों के परिचालन पर रोक और सड़क मरम्मत जरूरी है. छोटे वाहनों को लेकर एसोसिएशन हाई कोर्ट जानेपर विचार कर रहा है.
कर्मियों की हो रही छंटनी
आइएनटीडब्ल्यूएफ के प्रदेश प्रवक्ता संजय सेनगुप्ता ने कहा कि बसों की बंदी से कर्मियों की छंटाई हो रही है. तीन- चार वर्षो में यह ट्रांसपोर्ट सिस्टम ध्वस्त हो जायेगा. राज्य व केंद्र सरकार को सिस्टम से जुड़ी समस्याओं का समाधान शीघ्र करना होगा.