कोलकाता: उद्योग मंत्री के पद से हटाये जाने के 24 घंटे के बाद ही आइटी व संसदीय मामलों के मंत्री पार्थ चटर्जी ने 26वें इंडस्ट्रियल इंडिया ट्रेड फेयर में अपनी सफलताओं को गिनाया.
बंगाल नेशनल चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से आयोजित इस वाणिज्यिक मेले का उद्घाटन श्री चटर्जी को बतौर उद्योग मंत्री करना था, हालांकि पद से हटाये जाने के बाद इस मंच का उपयोग पिछले 31 महीनों में उद्योग विभाग की सफलता का जिक्र करने के लिए किया. उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में पिछले 31 महीनों में पश्चिम बंगाल काफी आगे बढ़ा है.
केवल दावा ही नहीं बल्कि तथ्यों के जरिये इसे साबित भी करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि पिछले 31 महीनों में 311 संस्थाओं से करीब एक लाख 15 हजार 755 करोड़ रुपये का निवेश आया है. इससे संभावित रोजगार करीब तीन लाख 40 हजार होगा. राज्य के विभिन्न उद्योग पार्क में 20 संस्थाओं को करीब 630 एकड़ जमीन दी गयी है. निवेश करीब 3607 करोड़ रुपये हुआ है. 52 मझोले और बड़ी परियजोनाओं की मंजूरी उद्योग विभाग ने दे दी हैं. वह अन्य विभागों की मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं. इनमें से केवल 24 परियोजनाओं के लिए ही करीब 10.5 हजार एकड़ जमीन का अनुमोदन उद्योग विभाग ने दिया है.
इनमें से आठ संस्थाओं को भूमि व भूमि राजस्व विभाग की मंजूरी मिल गयी है. अनुमति की प्रतीक्षा में एस्सार ऑयल, भूषण स्टील, टीटागढ़ शिपयार्ड सहित 16 परियोजनाएं हैं. पिछले वित्त वर्ष में देश भर में उद्योग विकास दर 3.12 फीसदी थी. तब पश्चिम बंगाल में यह दर 6.24 फीसदी रही. निवेश का प्रस्ताव सीमेंट, इस्पात, जहाज कारखाने, विद्युत, वस्त्र, खाद, पर्यटन, बंदरगाह, सूचना प्रौद्योगिकी से मिला है. नुकसान में चलने वाले सरस्वती प्रेस ने करीब डेढ़ करोड़ रुपये का लाभ अर्जित किया है. सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में 2008-09 वित्त वर्ष में जहां इस राज्य से 4750 करोड़ रुपये के सॉफ्टवेयर का निर्यात किया गया वहीं 2012-13 मे यह बढ़ कर 11 हजार 200 करोड़ रुपये हो गया. अब तक विभिन्न सूचना प्रौद्योगिकी संस्थानों से 2200 करोड़ रुपये का निवेश आया है. बतौर उद्योग मंत्री हटाये जाने से वह हताश दिखे.