कोलकाता: कोलकाता के क्राइस्ट चर्च हाई स्कूल की छात्रा की मौत के एक दिन बाद छात्राओं के अभिभावकों ने आज स्कूल के कार्यालयों में तोड़फोड़ की.
पुलिस के सूत्रों ने बताया कि अभिभावक सुबह स्कूल में घुस गए. उन्होंने कार्यालय परिसरों में तोड़ फोड़ की और पांचवीं कक्षा की छात्रा ओंइद्रिला दास की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा दिए जाने की मांग की. उन्होंने स्कूल के प्रधानाचार्य को उन्हें सौंपने की भी मांग की.
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने स्कूल पहुंचकर गुस्साए अभिभावकों से बात की. स्कूल परिसर में पुलिस को तैनात कर दिया गया है.ज्ञातव्य है कि स्कूल की वरिष्ठ छात्राओं के समूह ने गत सप्ताह ओंइद्रिला से कुछ रुपए मांगे थे और ऐसा नहीं करने पर उन्होंने उसे स्कूल के शौचालय में बंद कर दिया था. एक सफाई कर्मचारी ने ओंइद्रिला के चिल्लाने की आवाज सुनकर उसे शौचालय से बाहर निकाला और वह उसे घर लेकर गया.
इसके बाद से ही ओंइद्रिला सदमे में थी जिसके कारण उसके माता-पिता ने उसे नर्सिंग होम में भर्ती कराया जहां कल उसकी मौत हो गई.स्कूल के प्रधानाचार्य ने इस मामले के संबंध में कोई जानकारी होने से इनकार किया है. पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने मामले की जांच का आदेश दिया है.
क्या है मामला
लेकिन घर आने के बाद उसकी तबीयत फिर बिगड़ गयी. उसे मनोचिकित्सक पार्थ सारथी विश्वास के पास ले जाया गया. परिवार का आरोप है कि डॉ विश्वास ने उसे नींद का इंजेक्शन लगा दिया. बुधवार सुबह काफी जगाने पर भी बच्ची नहीं उठी तो उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.इंद्रनीला के परिवार के लोगों ने गलत इंजेक्शन देने की वजह से बच्ची की मौत होने का आरोप लगाया है. नील रतन सरकार अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद बच्ची के शव को परिजनों के हवाले कर दिया गया.
छात्रा के दादा निरंजन दास ने घटना की शिकायत दमदम थाने में दर्ज करायी है. बच्ची के परिवार ने स्कूल में रैगिंग, शिक्षिकाओं की लापरवाही और चिकित्सक के गलत इलाज का आरोप लगाया गया है. इस संबंध में बैरकपुर के डीसी ट्रैफिक देवाशीष बेज ने कहा कि पुलिस घटना की जांच कर रही है. साल्टलेक के विधायक सुजीत बोस ने इस संबंध में स्कूल प्रबंधन से वार्ता करने की बात कही है. बुधवार रात अंत्येष्टि कर दी गयी. बच्ची का परिवार इस घटना से सदमे में है.
यादवपुर विवि से दो छात्र निलंबित
कोलकाता:यादवपुर विश्वविद्यालय की एंटी रैगिंग कमेटी ने दूसरे वर्ष के एक छात्र से रैगिंग करने के आरोप में चौथे वर्ष के दो छात्रों को विश्वविद्यालय से निलंबित कर दिया है. दोनों आरोपी छात्रों को कॉलेज हॉस्टल से भी निकाल दिया गया है. मुर्शिदाबाद के पीड़ित छात्र ने यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन के जरिये रैगिंग की शिकायत की थी. इस पर एंटी रैगिंग कमेटी की जांच-पड़ताल में दोनों छात्रों को दोषी पाया गया. कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग विभाग के अनुपम घोष व प्रिंटिंग इंजीनियरिंग के मानिक हाल्दार को क्रमश: दो सेमेस्टर व
सेमेस्टर के लिए विश्वविद्यालय से सस्पेंड कर दिया है. विश्वविद्यालय के रेजिस्ट्रार प्रदीप कुमार घोष ने कहा कि सोमवार रात जांच कमेटी की रिपोर्ट पर चर्चा हुई, जिसमें यह निर्णय लिया गया है. गौरतलब है कि पीड़ित छात्र ने 2011 में रैगिंग से परेशान होने के कारण विश्वविद्यालय छोड़ दिया था. विश्वविद्यालय की तरफ से आश्वासन दिये जाने पर 2012 में उसने पुन: प्रवेश लिया था. पीड़ित के लगाये गये आरोप के अनुसार, तीन सप्ताह से लगातार चौथे वर्ष के छात्र उससे रैगिंग कर रहे थे.
रैगिंग की शिकायत