पानागढ़: आठ साल की बच्ची की बलात्कार के बाद गला दबाकर हत्या करने और साक्ष्य मिटाने के दोषी विनय मांझी को बोलपुर महकमा अदालत के अतिरिक्त जिला जज मानस बसु ने सोमवार को फांसी की सजा सुनायी. बच्ची के परिजनों ने कोर्ट के फैसले पर संतुष्टि जतायी. सुनवाई के दौरान कोर्ट में बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे.
क्या है मामला
अभियोजन के अनुसार, नौ दिसंबर, 2011 को वीरभूम जिले के नानूर थाना स्थित सांतरा ग्राम में अपने मामा के घर बच्ची अपने मां-बाप के साथ आयी थी. उसी दौरान पड़ोसी युवक विनय उसे चॉकलेट खिलाने के बहाने अपने साथ ले गया और गांव के बाहर एक गड्ढे में उसके साथ दुष्कर्म किया. शोर मचाने पर उसने घबड़ा कर लड़की की गला दबाकर हत्या कर दी और शव को तालाब में फेंक दिया. रात बारह बजे तक घर नहीं लौटने पर बच्ची के मां-बाप ने नानूर थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करायी. सुबह तालाब में लड़की का शव पाया गया.
खोजी कुत्ते की मदद से विनय माझी की जानकारी मिली. पुलिस हिरासत में हुई पूछताछ में विनय ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया. पुलिस ने विनय के खिलाफ धारा 302/363/376 के तहत दायर मामलों में आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल कर दिया. कोर्ट ने दर्जनों गवाहों के बयान और दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 23 अगस्त को विनय को दुष्कर्म, हत्या व साक्ष्य मिटाने का दोषी करार दिया था. सोमवार को कोर्ट ने फैसला सुनाया.
पीड़ित परिवार ने कहा, न्याय मिला
सरकारी वकील तपन कुमार दे ने बताया कि घटना की शिकार बच्ची लाभपुर थाने के गोविंदपुर की रहने वाली थी. फैसले के समय दोनों पक्षों से बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे. मृतका के परिजनों ने बताया कि कोर्ट ने फांसी की सजा सुनायी. दुष्कर्मी के लिए यह सजा भी कम है. पर, इस फैसले से उन्हें न्याय मिल गया है.