कोलकाता: हावड़ा के मंदिरतला में स्थित हुगली रिवर ब्रिज कमीशनर्स (एचआरबीसी) भवन में राज्य सचिवालय राइटर्स का स्थानांतरण होने से एचआरबीसी को करोड़ों रुपये का नुकसान होगा. इस नुकसान की भरपाई करने के लिए एचआरबीसी प्रबंधन राज्य के लोक निर्माण विभाग से मुआवजा देने का आवेदन करेगी. क्योंकि जिस मकसद के लिए इस भवन का निर्माण किया गया है, वह मकसद ही पूरा नहीं हो पायेगा. राज्य की पिछली सरकार ने यहां गार्मेट पार्क बनाने के लिए इस भवन का निर्माण किया था और इसके प्रत्येक तल्ले को गार्मेट उत्पादकों व कारोबारियों को किराये पर देने की योजना थी. हालांकि अभी यह बिल्डिंग खाली है, लेकिन दुर्गापूजा के बाद यहां गार्मेट के कारोबारियों का प्रवेश करने का सिलसिला जारी हो जाता.
इसलिए अब एचआरबीसी प्रबंधन चाहती है कि यहां जो भी सुविधाएं दी जायेंगी, इसके लिए लोक निर्माण विभाग को शुल्क देना होगा. गौरतलब है कि इस 14 मंजिला इमारत के निर्माण पर एचआरबीसी ने 60 करोड़ रुपये खर्च किये हैं. यहां पर मेटियाबुर्ज व महानगर के अन्य क्षेत्रों के गार्मेट उत्पादक व कारोबारियों को स्थानांतरित करने की योजना थी.
अब यहां राज्य सचिवालय का कार्य होने से यह योजना ठप हो गयी है. इस संबंध में तृणमूल कांग्रेस के सांसद व एचआरबीसी के चेयरमैन कल्याण बनर्जी ने कहा कि हावड़ा जिले के जिलाधिकारी को वर्तमान मार्केट दर के आधार पर बिल्डिंग के किराये का मूल्यांकन करने का निर्देश दिया गया है. एचआरबीसी की ओर से बिल्डिंग का प्रयोग करने के लिए किराये की मांग की जायेगी. हालांकि अब तक इस संबंध में कुछ तय नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि बिल्डिंग के पास ही तीन मंजिला कार पार्किग का निर्माण कार्य जारी है, जहां 250 वाहनों को रखा जायेगा. राज्य सचिवालय के स्थानांतरित होने से यहां काफी भीड़ होगी. राज्य सचिवालय का राइटर्स बिल्डिंग में पुन: स्थानांतरण होने के बाद इस बिल्डिंग के वाणिज्यिक प्रयोग के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि फिलहाल इस संबंध में कोई फैसला नहीं लिया गया है.