कोलकाता : कलकत्ता हाइकोर्ट में एक मामले की सुनवाई में एक व्यक्ति ने कहा कि वह अपनी पत्नी और बच्चे को भरण-पोषण के लिए इसलिए पैसे नहीं दे सकता क्योंकि उसके पालतू कुत्ते को कैंसर है. यह तर्क सुनकर अदालत में सभी अवाक हो गये. दरअसल दमदम नयापट्टी के रहने वाले प्रबीर कुमार की 2009 में बर्दवान के पीपलान की रहने वाली रूमा देवी के साथ शादी हुई थी. बाद में उनकी एक बेटी भी हुई.
वर्तमान में जो ढाई वर्ष की है. पारिवारिक कलह के बाद रूमा देवी अपने मायके लौट गयी और कालना अदालत में तलाक व भरण पोषण के लिए आवेदन किया. अदालत ने इस वर्ष 25 जुलाई को रूमा के हक में फैसला सुनाते हुए प्रबीर को पत्नी को मासिक दो हजार रुपये और बच्ची के लिए 800 रुपये भरण पोषण देने का निर्देश दिया. हालांकि प्रबीर ने इसके खिलाफ कलकत्ता हाइकोर्ट में मामला दायर किया.
न्यायाधीश असीम कुमार राय की अदालत में उसकी ओर से कहा गया है कि उसके पालतू कुत्ते को कैंसर है लिहाजा वह भरण पोषण देने में असमर्थ है. इससे अदालत में सभी स्तंभित हो गये. मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी.
33 वर्ष पहले अधिग्रहित जमीन का मुआवजा देने का आदेश
कलकत्ता हाइकोर्ट ने 33 वर्ष पहले राज्य सरकार द्वारा अधिग्रहित जमीन का मुआवजा देने का आदेश दिया है. यह जमीन तत्कालीन राज्य सरकार ने 1981 के 12 मई को अधिग्रहण किया था. करीब ढाई बीघे की यह जमीन कोतुलपुर, सड़िसादीघी, लाउग्राम, मालदा रोड में है. जमीन का मुआवजा 2013 के जमीन अधिग्रहण कानून के तहत देने का आदेश दिया गया है. न्यायाधीश अशोक दास अधिकारी की अदालत ने यह फैसला सुनाया. श्यामल कुमार रॉय व अन्य ने यह मामला किया था.