कोलकाता: टैक्सी ऑपरेटर राज्य सरकार से टकराव के रास्ते पर बढ़ते दिख रहे हैं. पुलिस से मंजूरी न मिलने के बावजूद टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियनों ने गुरुवार को अपनी मांगों के समर्थन में परिवहन भवन अभियान (घेराव) का एलान किया है. इस आंदोलन के चलते गुरुवार को सड़कों से टैक्सियां गायब रह सकती हैं.
टैक्सी मालिक और चालक पुलिस ज्यादाती और टैक्सी रिफ्यूजल के नाम पर तीन हजार रुपये जुर्माना लगाये जाने का विरोध कर रहे हैं. साथ ही किराये में भी बढ़ोतरी की मांग की गयी है. उधर, गुरुवार को ही महानगर में तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद और कांग्रेस से जुड़ी छात्र परिषद के कार्यक्रम होंगे. मेयो रोड पर तृणमूल छात्र परिषद की सभा होगी, जबकि इस बार छात्र परिषद ने भी महाजाति सदन के पास खुले में सभा करने का एलान किया है. पूर्व में छात्र परिषद का स्थापना दिवस का कार्यक्रम महाजाति सदन के अंदर होता था. तृणमूल छात्र परिषद हर वर्ष अपनी सभा खुले में करती रही है. लिहाजा अपनी दमदार मौजूदगी दर्ज कराने के लिए इस बार कांग्रेस छात्र परिषद ने रास्ते पर सभा करने की घोषणा की है. इन कार्यक्रमों और टैक्सी ऑपरेटरों के आंदोलन से गुरुवार को महानगर की ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा सकती है.
एटक समर्थित कोलकाता टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियन की ओर से शुरू किये गये आंदोलन में सीटू समर्थित वेस्ट बंगाल टैक्सी वर्कर्स यूनियन और वेस्ट बंगाल रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन समेत अन्य संगठन भी जुड़ गये हैं. कोलकाता टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियन व सीटू समर्थित परिवहन संगठनों ने गुरुवार को परिवहन भवन अभियान का एलान किया है.
अपराह्न दो बजे वेलिंगटन स्क्वायर से टैक्सी चालकों की विरोध रैली आरएन मुखर्जी रोड स्थित परिवहन भवन की ओर रुख करेगी. वहां टैक्सी चालकों की 11 सूत्री मांगों को लेकर परिवहन मंत्री मदन मित्र को ज्ञापन सौंपा जायेगा.
गौरतलब है कि सात अगस्त को महानगर में कोलकाता टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियन के आह्वान पर बुलायी गयी विरोध रैली के दौरान धर्मतल्ला व निकटवर्ती इलाकों में यातायात व्यवस्था थम सी गयी थी. टैक्सी चालकों के हुजूम की शायद कल्पना भी पुलिस प्रशासन ने नहीं की थी. गुरुवार को भी ऐसी स्थिति की संभावना है. इस बाबत सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी किये जायेंगे. श्री श्रीवास्तव ने कहा कि परिवहन भवन अभियान के दौरान टैक्सी चालकों की समस्याओं के समाधान के साथ ही सात अगस्त को विरोध रैली के दौरान गिरफ्तार हुए 22 टैक्सी चालकों के खिलाफ तमाम मामलों को वापस लेने की मांग पर जोर दिया जायेगा. परिवहन भवन अभियान के दौरान पुलिस के रवैये को लेकर भी उन्होंने सवाल खड़े किये. उन्होंने दावा किया कि अभियान के कार्यक्रम के बारे में पुलिस अधिकारियों को पहले से ही लिखित रूप से अवगत कराया गया लेकिन इसके कुछ दिनों बाद ही अभियान की तारीख परिवर्तित करने को कहा जाने लगा. पुलिस की सहमति नहीं होने के कारण अभियान में किसी बाधा के प्रश्न पर उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि अपने हक के लिए आंदोलन करना टैक्सी चालकों का नैतिक अधिकार है. जेल जाने के भय से आंदोलन नहीं थमेगा. टैक्सी चालकों की समस्याओं को सुलझाने की बजाय राज्य सरकार दमनात्मक नीति अपना रही है.
सीटू समर्थित वेस्ट बंगाल टैक्सी वर्कर्स यूनियन के नेता अनादि साहू ने कहा कि डीजल-पेट्रोल की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है लेकिन टैक्सी चालकों की समस्याओं को सुलझाने की पहल राज्य सरकार नहीं कर रही है. टैक्सी रिफ्यूजल के नाम पर तीन हजार से सात हजार तक का जुर्माना अनुचित है. राज्य सरकार ने टैक्सी चालकों के लिए करीब 120 टैक्सी स्टैंड बनाने की बात कही थी जिसे पूरा नहीं किया गया है. यही वजह है कि वामपंथी परिवहन संगठनों ने भी सरकार का रवैया नहीं बदलने पर व्यापक आंदोलन को लेकर सुर एक किया है.
अभियान में शामिल होने का आग्रह
एटक के सचिव व कोलकाता टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियन के महासचिव नवल किशोर श्रीवास्तव और सीटू समर्थित वेस्ट बंगाल टैक्सी वर्कर्स यूनियन के नेता अनादि साहू ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर परिवहन भवन अभियान में तमाम टैक्सी चालकों को शामिल होने का आह्वान किया. श्रमिक भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सुभाष मुखर्जी समेत अन्य नेता मौजूद रहे.