कोलकाता : टाटा ग्रुप के सेवामुक्त चेयरमैन रतन टाटा के बयान के 24 घंटे बीतने से पहले ही राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्र ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उनका मति भ्रम हो गया है. उनकी हवा में उड़ने की आदत अभी भी गयी नहीं है. वित्त मंत्री ने कहा कि वह इस बात से आश्चर्यचकित हैं कि उनके कंपनी के अधिकारियों ने उन्हें यहां की वर्तमान परिस्थिति से अवगत नहीं कराया है.
यहां तक की उनकी खुद की कंपनियों के भी विस्तार के बारे में शायद पता नहीं है. गौरतलब है कि बुधवार को रतन टाटा यहां कंपनी के वार्षिक आम बैठक में हिस्सा लेने यहां पहुंचे थे और उन्होंने कहा था कि बंगाल में औद्योगिकीकरण के नाम पर कुछ नहीं हो रहा. यहां उद्योग के विकास की धारा थम सी गयी है.
सिंगुर में टाटा के नैनो कारखाना की स्थापना को लेकर हुए विवाद के कारण कंपनी को अपना यहां प्लांट स्थापना का काम बंद करना पड़ा था. वर्ष 2008 में कंपनी ने नैनो कारखाना के प्लांट को गुजरात के सानंद में स्थानांतरित कर दिया था. उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी थे. रतन टाटा ने अपने बयान में कहा कि यहां की मुख्यमंत्री को गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से सीख लेनी चाहिए. सिंगुर के नैनो कारखाना व नंदीग्राम आंदोलन को राजनीतिक हथियार बना कर तृणमूल कांग्रेस की सरकार सत्ता में आयी है, पार्टी ने लोगों की जमीन वापस करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी भी कानूनी विवाद के कारण जमीन जस की तस पड़ी हुई है.
वहीं, वित्त मंत्री अमित मित्र ने दावा किया कि टाटा ग्रुप की दो कंपनियां टाटा कंसलटेंसी व टाटा मेटालिक्स दोनों की ही यहां अपने कारोबार का विस्तार करने की योजना है. अगर वह बंगाल में आये निवेश के प्रस्ताव की जानकारी देने लगे तो इसमें पूरा दिन लग जायेगा. अपने कोलकाता दौरे के समय टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘ कर्मठ ’ हैं. उनका पिछला रिकार्ड भी यही दर्शाता है, जिसका उदाहरण गुजरात है. किसी को भी जाकर वहां यह देखना चाहिए कि किस प्रकार से वहां विकास कार्य हुए हैं.