कोलकाता: महिलाओं और विपक्षी नेताओं के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देकर सुर्खियों में आये तृणमूल कांग्रेस सांसद तापस पाल की मुश्किलें और बढ़ गयी हैं. कलकत्ता हाइकोर्ट ने तापस पाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर मामले की सीआइडी जांच शुरू करने का आदेश दिया है. न्यायमूर्ति दीपंकर दत्त ने समाजसेवी विप्लव चौधरी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदश दिया.
अपने निर्देश में अदालत ने कहा है कि नदिया जिले के नक्कासीपाड़ा थाने में विप्लव चौधरी द्वारा दर्ज करायी गयी शिकायत को एफआइआर माना जाये और अदालत की कॉपी मिलने के 72 घंटे के भीतर एफआइआर को डीआइजी सीआइडी को सौंप दिया जाये. सीआइडी जांच की प्राथमिक रिपोर्ट अदालत में एक सितंबर को जमा करनी होगी. जांच कार्य की निगरानी अदालत करेगी. जांच रिपोर्ट को अदालत के बाहर अन्यत्र कहीं प्रकाशित नहीं किया जा सकता. जांच रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में अदालत में जमा करना होगा. उल्लेखनीय है कि तापस पाल का विवादास्पद बयान मीडिया में दिखाये जाने के बाद विप्लव चौधरी ने एक जुलाई को नक्कासीपाड़ा थाने में इसकी शिकायत दर्ज करायी थी. आरोप है कि पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया. लिहाजा पुलिस निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए उन्होंने हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. याचिका में एक चुनावी रैली में महिलाओं और अन्य विपक्षी पार्टी समर्थकों के खिलाफ पाल की टिप्पणियों की सीआइडी जांच की मांग की गयी थी. चौधरी पाल के नदिया जिले में स्थित कृष्णानगर निर्वाचन क्षेत्र के निवासी हैं.
इधर, मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने तापस पाल के बयान को दु:खद बताते हुए कहा कि बतौर सांसद तापस पाल कानून बनाने वाले हैं, वह कानून कैसे तोड़ सकते हैं. यह देखना बेहद दु:खद था कि एक सांसद व अभिनेता महिलाओं के खिलाफ टिप्पणी कर रहा है और समर्थक तालियां बजा रहे हैं.
क्या कहा था पाल ने
कोई भी माकपा कर्मी यदि तृणमूल के मां-बाप, बहन, चाचा, चाची को हाथ लगाता है तो उसके पूरे खानदान को गोली मार दूंगा. मैं भी माल लेकर घूमता हूं. सारा का सारा दाना उनमें उतार दूंगा. मैं कोलकाता का माल नहीं मैं चंदननगर का माल हूं. यदि मुङो पता चलता है कि किसी माकपाई ने कुछ गलत किया है तो बहुत बुरा हो जायेगा. लड़कों को उनके घरों में घुसा दूंगा वो दुष्कर्म करके निकल जायेंगे.